हिंदी फिल्मों को लेकर अक्सर कोई न कोई विवाद देखने को मिल ही जाता है। इन विवादों के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं। कई बार फिल्म के नाम की वजह से भी लोगों को आपत्ति हो जाती है। हाल के दिनों में कुछ ऐसी फिल्में बन चुकी हैं, जिनके नाम की वजह से मेकर्स को विरोध का सामना करना पड़ा और अंत में उन्हें फिल्म के शीर्षक में बदलाव करने पड़े। आइए जानते हैं इन फिल्मों के बारे में…
सत्यप्रेम की कथा
‘भूल भुलैया 2’ की सफलता के बाद कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी सत्यप्रेम की कथा में साथ दिखे थे। फिल्म का नाम पहले सत्यनारायण की कथा था, लेकिन लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्माताओं ने इस फिल्म के नाम में बदलाव करने को ही बेहतर समझा।
सम्राट पृथ्वीराज
यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी अक्षय कुमार की फिल्म ‘पृथ्वीराज’ को राजस्थान स्थित श्री राजपूत करणी सेना की ओर आलोचना किए जाने के बाद मेकर्स को इस फिल्म का शीर्षक बदलना पड़ा। निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज से पहले इस नाम के आगे सम्राट जोड़ा था।
मद्रास कैफे
जॉन अब्राहम की फिल्म मद्रास कैफे साल 2013 में रिलीज हुई थी। यह राजनीतिक थ्रिलर फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आसपास केंद्रित थी। फिल्म का विषय अपने आप में संवेदनशील और विवादास्पद था। इस फिल्म के नाम पर भी काफी विवाद हुआ था। जिसके बाद इसका नाम ‘जाफना’ से बदलकर ‘मद्रास कैफे’ कर दिया गया था।
पद्मावत
फिल्मकार संजय लीला भंसाली अक्सर अपनी फिल्मों की वजह से विवादों में घिर जाते हैं। साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म पद्मावत में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिकाओं में नजर आए थे। फिल्म को लेकर काफी ज्यादा विवाद हुआ था, जिसके बाद सेंसर बोर्ड को फिल्म का नाम बदलने का सुझाव देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद मेकर्स ने फिल्म का नाम पद्मावती से पद्मावत कर दिया था।