‘मिस्टर इंडिया’ से लेकर ‘हम दिल दे चुके सनम’ जैसी फिल्मों में अपने आवाज का जादू बिखेर चुकी कविता कृष्णमूर्ति को लंदन में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार लंदन में यूके एशियन फिल्म फेस्टिवल के द्वारा संगीत में उनके योगदान के लिए दिया गया है। आइए आपको बताते हैं कविता कृष्णमूर्ति ने इस पुरस्कार को हासिल करने के बाद क्या कहा।
ऐसा गाना नहीं गाया जिसे सुनकर मां शर्मिंदा हों
कविता कृष्णमूर्ति ने एक से बढ़कर एक हिट गाने फिल्म इंडस्ट्री को दिए हैं। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री से लेकर शास्त्रीय संगीत में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कविता कृष्णमूर्ति के आवाज के लाखों दीवाने हैं। जब उन्हें लंदन में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया तब वे पुराने दिनों को याद करती हुई दिखीं। कविता बोलीं, ‘मैंने हमेशा यही कोशिश की कि मेरे गाये हुए गाने को सुनकर मेरी मां या मेरे भाई शर्मिंदा नहीं हों’।
45 भारतीय भाषाओं में 50,000 से अधिक गाने
कविता कृष्णमूर्ति पिछले कई वर्षों से संगीत साधना में लगी हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने अभी तक लगभग 45 भारतीय भाषाओं में 50,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए हैं। जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। गायिका को लाइफ टाइम अचीवमेंट का यह पुरस्कार यूकेएएफएफ 2024 के समापन समारोह में दिया गया।कविता ने दुनिया भर में अपने संगीत के कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय संगीत को प्रचारित और प्रसारित किया है।
कविता के प्रतिभा और समर्पण को सम्मान
कविता कृष्णमूर्ति को सम्मानित करते हुए यूकेएएफएफ के संस्थापक और निदेशक डॉ पुष्पिंदर चौधरी ने कहा, ‘हम कविता कृष्णमूर्ति के असाधारण प्रतिभा को सम्मानित करना चाहते थे। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में जो योगदान दिया है वह अतुलनीय है। उनके प्रतिभा ने हम सब के मन पर एक अमिट छाप छोड़ी है’। वहीं यूकेएएफएफ दुनिया के सबसे लंबे समय तक चलने वाले दक्षिण एशियाई फिल्म समारोहों में से एक है। इस समारोह में दक्षिण एशियाई महिला-केंद्रित सिनेमा और फिल्म में महिलाओं के काम को सम्मानित किया जाता है।