ईरान में बीते आठ महीने से हिरासत में लिए गए 40 भारतीय नाविकों की रिहाई हो सकती है। दरअसल भारत ने ईरान से 40 भारतीय नाविकों को रिहा करने को कहा है। बता दें कि बीते आठ महीनों में इन नाविकों को फारस की खाड़ी से चार अलग-अलग व्यापारिक जहाजों से हिरासत में लिया गया था। भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से तेहरान में एक मुलाकात के दौरान नाविकों को रिहा करने का अनुरोध किया।
भारतीय नाविकों की रिहाई पर ईरान का जवाब
बता दें कि केंद्रीय मंत्री सोनोवाल तेहरान में थे, जहां भारत ने चाबहार बंदरगाह को संचालित करने के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह बंदरगाह मध्य एशिया के साथ भारत के व्यापार को विस्तार देने में मदद करेगा। सोनोवाल और अब्दुल्लाहियन के बीच बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ईरान के विदेश मंत्री से बंधक बनाए गए भारतीय नाविकों की रिहाई का अनुरोध किया। इसके जवाब में अब्दुल्लाहियन ने कहा कि ईरान द्वारा भारतीय नाविकों की रिहाई पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ कानूनी मामलों की वजह से रिहाई में देरी हुई है।
बीते आठ महीनों में हिरासत में लिए गए 40 भारतीय नाविक
सूत्रों का कहना है कि सभी नाविक चार अलग अलग जहाजों में काम कर रहे थे। स्टीवन, ग्लोबल चेरिलिन, मार्गोल और एमएसजी एरीज नाम के जहाजों को बीते आठ महीनों में ईरान द्वारा जब्त किया गया। सूत्रों के अनुसार स्टीवन जहाज को ईरान के कोस्ट गार्ड द्वारा 12 सितंबर 2023 को तस्करी के आरोप में जब्त किया गया था। इसमें मौजूद चालक दल के नौ सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया था। दूसरे जहाज ग्लोबल चेरिलिन को 11 दिसंबर 2023 को जब्त किया गया था। इसमें सवार चालक दल के 20 सदस्यों को हिरासत में लिया गया था। ईरान के कोस्ट गार्ड द्वारा तीसरे जहाज मारगोल को 22 जनवरी 2024 को जब्त किया गया था। इसके अलावा एमएससी एरीज को 13 अप्रैल 2024 को जब्त किया गया था। इसमें मौजूद चालक दल के 17 सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।