कोलकाता: संदेशखाली में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं विवादों में है। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे अत्याचार के बारे में झूठे दावे करके महिलाओं की गरिमा को चोट न पहुंचाएं। महिलाओं के आत्म सम्मान के साथ खिलवाड़ न करें। बोनगांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की स्थिति बीजेपी शासित राज्यों जैसी नहीं है। यह आपका उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश नहीं है। बंगाल में महिलाएं आत्म सम्मान और गरिमा के साथ रहती हैं।
यह है वीडिया वाला मामला
दरअसल, हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भाजपा नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता था कि संदेशखाली की पूरी घटना पहले से ही तय थी। वीडियो में दावा है कि संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार का आरोप झूठा और मनगढ़ंत है। वीडियो में दिख रहे उस भाजपा नेता की पहचान संदेशखाली 2 ब्लॉक के ‘मंडल अध्यक्ष’ गंगाधर कयाल के रूप में हुई थी। वायरल वीडियो में गंगाधर एक कमरे में कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे थे। कोई उनसे सवाल पूछ रहा है और वह जवाब दे रहे हैं। वहीं, एक अन्य वीडियो में दुष्कर्म का आरोप लगवाने वाली महिलाएं दावा कर रही हैं कि भाजपा नेताओं ने उनसे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे और उन्हें थाने ले जाने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, अमर उजाला इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
भाजपा यहां एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है, मैं विरोध करूंगी
बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी ने कल कहा था कि सीएए बंगाल में लागू किया जाएगा। हमें समझ नहीं आता कि किसी को नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन क्यों करना पड़ रहा है। क्यों किसी को 50 साल पुराने दस्तावेज दिखाने पड़ रहे हैं सिर्फ यह साबित करने के लिए कि उसका परिवार बांग्लादेश से आया है। अगर कोई व्यक्ति बिना शर्त आवेदन करे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा यहां एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है। मैं आखिरी सांस तक इसका विरोध करूंगी। मेरे शव पर ही एनआरसी लागू हो सकता है।