एक महिला गर्भधारण करने से लेकर प्रसव के दौरान तक कई स्वास्थ्य परेशानियों से जूझती है। यहां तक कि बच्चे के जन्म के बाद उसे शिशु के लिए अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देना पड़ता है। मां की सेहत का असर शिशु पर गर्भावस्था से लेकर जन्म लेने के बाद तक होता है। ऐसे में हर महिला को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए, साथ ही अपने बच्चे को भी स्वस्थ रखने हेतु जीवनशैली में कुछ अच्छी आदतों को शामिल करना चाहिए। योग वह क्रिया है जो मां और बच्चे दोनों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। योगाभ्यास से कई तरह के स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं, वहीं अगर मां और बच्चा साथ में योगाभ्यास करते हैं तो सेहत और रिश्ता दोनों ही अधिक बेहतर बनता है।
मई माह के दूसरे रविवार यानी 12 मई को मदर्स डे मनाया जा रहा है। इस मौके पर मां और बच्चे को एक दूसरे के साथ योगाभ्यास करने की आदत को शामिल कर लेना चाहिए। यहां कुछ योगासनों के बारे में बताया जा रहा है जिनका अभ्यास मां और बच्चा साथ में करके बेहतर परिणाम पा सकते हैं।
बालासन
प्रसव के बाद एक महिला की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। मांसपेशियों की कमजोरी की दूर करने के लिए बालासन का अभ्यास फायदेमंद है। वहीं बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी बालासन लाभकारी साबित हो सकता है। इस योग का अभ्यास बेहद सरल है, जिसे मां के साथ बच्चा आसानी से कर सकता है।
कैसे करें
घुटनों के बल बैठकर सांस भरते हुए सामने नीचे की ओर झुकें और बाहों का सामने की तरफ फैलाकर जमीन को स्पर्श करें। इसी अवस्था में कुछ देर बने रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन का अभ्यास कमर और पीठ दर्द से राहत दिलाता है। महिलाओं के लिए यह योग काफी लाभकारी है। इससे प्रजनन संबंधी समस्याओं से निजात मिलता है। बच्चे की शारीरिक मुद्रा में सुधार के लिए भी यह योग लाभकारी साबित हो सकता है।
कैसे करें
इस योग में मुद्रा बिल्ली जैसी बनती है। इसके अभ्यास के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठकर गहरी सांस लेते हुए हाथों की हथेलियों को आगे की तरफ रखें। हाथों पर शरीर का पूरा भार देते हुए घुटनों पर खड़े हो जाएं। अब कमर को नीचे की ओर खींचते हुए गर्दन को ऊपर की तरफ उठाएं।