कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की एक महिला कर्मचारी की तरफ से लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए कोलकाता पुलिस ने आठ सदस्यीय टीम गठित की है। मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने को कहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पुलिस टीम जांच के तहत अगले कुछ दिनों में गवाहों से भी बात करेगी। यह पूछने पर कि राज्यपाल को सांविधानिक छूट मिलने के बावजूद पुलिस जांच कैसे शुरू कर सकती है, एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसी भी शिकायत, खासकर किसी महिला से शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू करना एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।
गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत किसी राज्यपाल के पद पर होने के दौरान उनके खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है। पुलिस के मुताबिक, डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी के नेतृत्व वाली आठ सदस्यीय जांच टीम की तरफ से राजभवन के ओसी को एक पत्र भेजा गया है जिसमें सीटीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।
पुलिस के प्रवेश पर रोक लगा चुका है राजभवन…
पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो टीम घटनास्थल (राजभवन) का दौरा भी कर सकती है। उधर, राजभवन की तरफ से पहले ही एक बयान जारी करके कहा जा चुका है कि राज्यपाल आनंद बोस ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी जांच की आड़ में पुलिस के राजभवन में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।