कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में नौकरी गंवाने वाले लगभग एक हजार युवा शिक्षक अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। शुक्रवार को इन सभी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि वे सभी 26,000 उम्मीदवारों में शामिल थे, जो 2016 के एसएससी परीक्षा में शामिल हुए थे। बता दें कि हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इन शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया है।
एसएससी अध्यक्ष ने की प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात
पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप करते हुए प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका। इस दौरान सड़कों को जाम करने के आरोप में 100 के करीब प्रदर्शनकारियों को कुछ देर के लिए हिरासत में रखा गया था। एसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने बताया कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों के 10 प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें आयोग के सामने आने वाली कानूनी बाधाओं को समझाया। उन्होंने योग्य उम्मीदवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और उन्हें आश्वासन दिया कि आयोग उनकी हरसंभव मदद करने की कोशिश करेगा।
सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि हमें योग्य उम्मीदवारों से सहानुभूति है। कानून के तहत आयोग उनकी हरसंभव मदद करेगा।” उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक करने के सवाल पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी है। एसएससी के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि आयोग उम्मीदवारों के परिणाम का भी खुलासा नहीं कर सकता है, क्योंकि यह पूरा मामला अदालत में विचाराधीन है। बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में शिक्षक भर्ती परीक्षा 2016 की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। इस वजह से लगभग 26,000 शिक्षकों को नौकरी गंवानी पड़ी।