चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की सेना बड़े संगठनात्मक बदलावों से गुजर रही है। शी जिनपिंग ने सेना में बदलाव की शुरुआत साल 2015-16 में की थी। इसके तहत अभी तक चीन की सेना से तीन लाख सैनिकों को हटाया जा चुका है। साथ ही संयुक्त थिएटर कमांड बनाने का साथ ही सेना को विभिन्न विभागों के तहत लाया गया है। चीन की सेना ने रॉकेट फोर्स पर खासा फोकस किया है। साल 2015 में चीन ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स का गठन किया था, लेकिन अब खबर आ रही है कि चीन ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स की जगह इंफोर्मेशन सपोर्ट फोर्स का गठन किया है।
19 अप्रैल को बीजिंग में पीएलए का एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें इंफोर्मेशन सिस्टम डिपार्टमेंट ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स की जगह ली। हालांकि स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स की दो शाखाएं स्पेस सिस्टम डिपार्टमेंट और नेटवर्क सिस्टम डिपार्टमेंट काम करना जारी रखेंगी। चीन की सेना में अब थल सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ ही रॉकेट फोर्स भी मौजूद है। साथ ही पीएलए में अब इंफोर्मेशन सिस्टम्स डिपार्टमेंट के अलावा जॉइंट लॉजिस्टिक फोर्स, एयरोस्पेस फोर्स, साइबरस्पेस फोर्स शामिल हैं। ये सभी शाखाएं सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के तहत आती हैं और इस सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं।
नए बनाए गए इंफोर्मेशन सिस्टम डिपार्टमेंट का प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी यी को बनाया गया है। स्ट्रैटेजिक सपोर्स फोर्स के प्रमुख रहे जनरल जु कियानसेंग को अभी नहीं जिम्मेदारी नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के काम से संतुष्ट नहीं था। साथ ही सेना के सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए ही इंफोर्मेशन सिस्टम डिपार्टमेंट का गठन किया गया है।