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नौकरी गंवाने की आशंका से जूझ रहे 19000 लोग पात्र, 5300 नियुक्तियां संदिग्ध; हाईकोर्ट में बोला आयोग

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हजारों स्कूल शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद 25,700 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हो सकती है। हालांकि, ताजा घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग (West Bengal SSC) ने हाईकोर्ट में कहा है कि केवल 5300 शिक्षकों की नियुक्तियां संदिग्ध हैं। आयोग ने कहा है कि 19,000 शिक्षकों की नियुक्तियां वैध होने की संभावना है। आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि 22 अप्रैल को पारित आदेश के बाद लगभग 19,000 शिक्षकों की भर्ती रद्द हो सकती है, लेकिन आयोग की तरफ से तय किए गए नियम और शर्तों के मुताबिक इन शिक्षकों की नियुक्तियां वैध हो सकती हैं।

25 हजार से अधिक शिक्षकों के भविष्य पर लटक रही तलवार
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 2016 में हुई शिक्षकों की भर्तियों को रद्द किया जाना है। अदालत का आदेश बरकरार रहने की सूरत में 25,753 शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने अपने सख्त आदेश में कहा है कि अवैध नियुक्ति से लाभ पाने वाले शिक्षकों को अपने वेतन भी लौटाने होंगे। फिलहाल, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

5300 शिक्षकों की नियुक्तियों में विसंगतियां
स्कूल सेवा आयोग ने गुरुवार को दावा किया कि हाईकोर्ट को 5300 ऐसे शिक्षकों की सूची दी गई है जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध हैं। आयोग ने उच्च न्यायालय की पीठ को बताया कि अधिकारियों और सरकार की तरफ से निर्धारित योग्यता के मानदंड को 19 हजार शिक्षक पूरा कर सकते हैं। आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा, ‘हमने अदालत के समक्ष उन शिक्षकों की सूची पेश की है, जिनकी नियुक्तियों के दौरान विसंगतियां पाई गई हैं।’ आयोग ने कहा कि विसंगतियों के लिए दो पैमानों पर विचार किया गया, पहला ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन शीट (OMR Sheet) में हेरफेर और रैंक में उछाल। आयोग ने अदालत को बताया कि कक्षा IX-X और XI-XII के लिए ग्रुप-सी और डी के तहत नियुक्त ऐसे शिक्षकों की अनुमानित संख्या लगभग 5300 है।

हाईकोर्ट ने नियुक्ति रद्द कर ब्याज सहित वेतन लौटाने को कहा
खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार का बयान ऐसे समय में आया है जब हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) के तहत की गई भर्तियों को रद्द करने का फरमान सुनाया। अदालत के आदेश के मुताबिक शिक्षकों को अपना वेतन 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज सहित लौटानी होगी।