महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसने भाजपा विधायकों नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने जांच में पाया कि दोनों ने जनवरी में ठाणे जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आपत्तिजनक भाषण दिए थे। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते संबंधित पुलिस आयुक्तों से निजी रूप से इस बात का सत्यापन करने को कहा था कि क्या दोनों नेताओं ने आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण दिया था।
लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने आज अदालत को बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस साल जनवरी में मीरा भायंदर (ठाणे जिले में) हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरा राणे और जैन द्वारा दिए गए भाषण अपमानजनक थे। वेनेगांवकर ने कहा कि राणे पर मुंबई के मलवानी, मानखुर्द और घाटकोपर इलाकों रैलियों में नफरती भाषण देने का आरोप है। उन्होंने बताया कि जैन पर मीरा भायंदर में एक रैली में नफरती भाषण देने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (उकसाने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने आगे कहा कि 22 से 26 जनवरी के बीच मीरा भायंदर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 13 अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वेनेगांवकर ने बताया कि सभी मामलों की जांच जारी है।