प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। 1982 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य विश्व के महत्वपूर्ण स्मारकों और स्थलों के प्रमोशन और संरक्षण को बढ़ावा देना है। विश्व धरोहर दिवस के माध्यम से, लोगों को धरोहर की महत्वता, सांस्कृतिक विविधता, और ऐतिहासिक महत्व को महसूस कराया जाता है। इस दिन के अनुसार, विभिन्न आयोजनों, सेमिनार और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें लोगों को धरोहरों के महत्व पर जागरूक किया जाता है। इसके साथ ही, यह दिन विशेष रूप से धरोहर संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने का भी मौका प्रदान करता है। विश्व धरोहर दिवस के मौके पर दुनिया की सबसे प्रसिद्ध विरासत के बारे में जानिए।
गीज़ा के पिरामिड, मिस्र
मिस्र पिरामिडों के लिए मशहूर है। यहां 138 पिरामिड हैं, हालांकि गीजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ विश्व के सात अजूबों में से एक है। दुनिया के सात अजूबों में से एकमात्र इस स्मारक को लेकर यह दावा दिया जाता है कि इसे चांद से भी देखा जा सकता है। यह पिरामिड दुनिया की सबसे ऊंची बनावट है, जिसकी लंबाई 481 फुट है।
माचू पिच्चू, पेरू
दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित माचू पिच्चू दुनिया के सात अजूबों में से है। इसी रहस्यमयी शहर भी कहा जाता है। माचू पिच्चू इंका सभ्यता से संबंधित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। माचू पिच्चू को लोग ‘इंकाओं का खोया हुआ शहर’ भी कहते हैं। इसके अलावा पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय भी कहा जाता है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया है।
चीन की विशाल दीवार
द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, यानी चीन की विशाल दीवार दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। यह दुनिया की सबसे लंबी दीवार है। इस दीवार के निर्माण में ईंट, पत्थर, लकड़ी और धातुओं का इस्तेमाल हुआ है। इसे दुनिया की सबसे पुरानी मिट्टी और पत्थर की बनी दीवार भी कहा जाता है। एक राजकीय सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘चीन की दीवार’ की कुल लंबाई 21,196 किलोमीटर है।
ताजमहल, भारत
भारत के आगरा शहर में बना ताजमहल भी सात अजूबों में से एक होने के साथ ही विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है। ताजमहल मुगल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था। बाद में इस सफेद पत्थरों से बने महल में शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज को साथ में दफनाया गया था।
क्राइस्ट द रिडीमर
रियो डी जेनेरियो में क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा स्थित है, जो विश्व धरोहर होने के सात ही दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 30 मीटर है। क्राइस्ट द रिडीमर स्टैच्यू को ईसाई धर्म का एक वैश्विक प्रतीक माना जाता है। इस प्रतिमा की वजह से ही रियो डी जेनेरियो शहर का पर्यटन उद्योग भी चलता है।
पेट्रा, जॉर्डन
जॉर्डन का ‘पेट्रा’ शहर अपनी विचित्र वास्तुकला के लिए मशहूर है। पेट्रा की गिनती दुनिया के सात अजूबों में होती है। पेट्रा में तरह तरह की इमारत है जो लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं। यहा पर बनी इमारतों, दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। पेट्रा में 138 फुट ऊंचा मंदिर बना है, इसके अलावा सुंदर नहरें, पानी के तालाब हैं।
रोम का कोलोसियम
इटली के रोम शहर में कोलोसियम स्थित है, जिसे फ्लावियन एलिप्टिकल एंफ़ीथियेटर कहा जाता है। इस अद्भुत विशाल अखाड़े का निर्माण रोम के सम्राटों ने कराया था। यूनेस्को ने कोलोसियम को विश्व धरोहर का दर्जा दिया तो वहीं सात अजूबों में भी यह जगह शामिल है।