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महिला लोको पायलटों की मांग, या तो हमारे कार्यस्थल की गुणवत्ता सुधारें या हमारा विभाग बदलें

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे में महिला लोको पायलटों की स्थिति काफी दयनीय है। उन्होंने रेलवे बोर्ड से आग्रह किया है कि या तो उनके कामकाज की स्थितियों में सुधार किया जाए या फिर उन्हें किसी और विभाग में स्थानांनतरित करने की अनुमति दी जाए। दरअसल, महिला लोको पायलटों के एक समूह ने हाल ही में रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा से मुलाकात की। समूह ने रेलवे अध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी परेशानियां साझा की हैं। सभी महिला लोको पायलट ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन की सदस्य हैं।

महिला लोको पायलटों को यह समस्याएं
ज्ञापन में महिला लोको पायलटों ने कहा कि इंजन में शौचालय नहीं हैं। इंजन में हम सैनिटिरी पैड्स भी नहीं बदल पाते हैं। रात में तकनीकि खामी को दूर करने के लिए हम इंजन से बाहर भी नहीं जा पाते। देर रात की ड्यूटी के लिए कोई पिकअप और ड्रॉप की सुविधा भी नहीं है। गौरतलब है कि वर्तमान में देश भर में 1500 से अधिक महिलाएं लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों के रूप में काम रही हैं और अकसर वे विभिन्न माध्यमों से अपने मुद्दा उठाती रहती हैं।

एक महिला लोको पायलट ने कहा कि हमें पता है कि रेलवे में बदलाव आ रहे हैं और शौचालय सुविधाओं के साथ नए इंजन आ रहे हैं लेकिन उन्हें पूरी तरह से लागू होने में काफी समय लगेगा। उन्होंने बताया कि ‘रिकॉर्ड नोट ऑफ डिस्कशन’ में कहा गया है कि इंजीनियरिंग, लोको पायलट और गार्ड श्रेणी में महिला कर्मचारियों को श्रेणी में बदलाव करने के लिए एक बार का विकल्प दिया जा सकता है। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। हम मांग करते हैं कि अगर आप हमारे कार्यस्थल को सुधार नहीं कर सकते तो हमारा विभाग बदल दें।

एआईआरएफ ने मांगों का किया समर्थन
फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने भी महिला लोको पायलटों की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे या तो सुविधाएं दे या फिर किसी दूसरे विभाग में पदस्थ करे। हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। हम उनके मुद्दों को तब तक उठाते रहेंगे, जब तक उनका समाधान नहीं हो जाता।