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कांग्रेस ने आयरलैंड में तैनात भारत के राजदूत पर लगाया पक्षपाती होने का आरोप, पद से हटाने की मांग

कांग्रेस ने आयरलैंड में भारत के राजदूत के एक लेख पर कड़ी आपत्ति जताई है और उन पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। दरअसल आयरलैंड के एक अखबार में भारत के चुनाव पर एक लेख लिखा गया था, जिस पर आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने जो प्रतिक्रिया अखबार को भेजी, उस पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है और राजदूत पर पार्टी कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने राजदूत को पद से हटाने की भी मांग की है।

जयराम रमेश ने बोला हमला
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आयरलैंड में भारत के राजदूत का आयरिश अखबार को भेजा गया लेख बेहद पक्षपाती, पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है, जिसमें पीएम मोदी, भारतीय लोकतंत्र, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और हिंदू बहुमत की तारीफ की गई है। जयराम रमेश ने कहा कि ‘भारत सरकार का बचाव करना एक बात है

और ये राजदूतों से उम्मीद भी की जाती है, लेकिन विपक्षी पार्टियों पर खुलेआम पार्टी कार्यकर्ता की तरह हमला करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’ एक सोशल मीडिया पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि ‘राजदूत एक राजनयिक हैं, ऐसे में उनकी टिप्पणी और भी शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने सेवा नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।’

राजदूत के जवाब पर हुआ हंगामा
दरअसल आयरिश अखबार में भारतीय चुनाव पर एक लेख लिखा गया था। लेख में लिखा गया था कि पीएम मोदी ने चुनाव पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इसके जवाब में आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने अखबार को लिखित जवाब भेजा, जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी की देश में लोकप्रियता अभूतपूर्व है। भारत का लोकतंत्र मजबूत है। वह किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक नहीं रखते हैं और उनकी निजी जिंदगी करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है।

पीएम मोदी की सरकार में गरीबों, महिलाओं और युवाओं के विकास पर फोकस किया जा रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता चरम पर है और वे न सिर्फ भारत के बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी नेता हैं, जो अपनी नेतृत्व क्षमता, समावेशी प्रशासन और सतत विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। लेख में लिखा गया कि वे देश में भ्रष्टाचार की व्यवस्था (जो 55 साल के शासन के दौरान बना और पहले 30 वर्षों में खास तौर पर ये शुरू हुआ) से लड़ रहे हैं और पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ने की ये भी एक वजह है।

कांग्रेस ने आयरलैंड में भारत के राजदूत के एक लेख पर कड़ी आपत्ति जताई है और उन पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। दरअसल आयरलैंड के एक अखबार में भारत के चुनाव पर एक लेख लिखा गया था, जिस पर आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने जो प्रतिक्रिया अखबार को भेजी, उस पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है और राजदूत पर पार्टी कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने राजदूत को पद से हटाने की भी मांग की है।

जयराम रमेश ने बोला हमला
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आयरलैंड में भारत के राजदूत का आयरिश अखबार को भेजा गया लेख बेहद पक्षपाती, पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है, जिसमें पीएम मोदी, भारतीय लोकतंत्र, कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और हिंदू बहुमत की तारीफ की गई है। जयराम रमेश ने कहा कि ‘भारत सरकार का बचाव करना एक बात है

और ये राजदूतों से उम्मीद भी की जाती है, लेकिन विपक्षी पार्टियों पर खुलेआम पार्टी कार्यकर्ता की तरह हमला करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’ एक सोशल मीडिया पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा कि ‘राजदूत एक राजनयिक हैं, ऐसे में उनकी टिप्पणी और भी शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने सेवा नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।’

राजदूत के जवाब पर हुआ हंगामा
दरअसल आयरिश अखबार में भारतीय चुनाव पर एक लेख लिखा गया था। लेख में लिखा गया था कि पीएम मोदी ने चुनाव पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इसके जवाब में आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने अखबार को लिखित जवाब भेजा, जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी की देश में लोकप्रियता अभूतपूर्व है। भारत का लोकतंत्र मजबूत है। वह किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक नहीं रखते हैं और उनकी निजी जिंदगी करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है।

पीएम मोदी की सरकार में गरीबों, महिलाओं और युवाओं के विकास पर फोकस किया जा रहा है। पीएम मोदी की लोकप्रियता चरम पर है और वे न सिर्फ भारत के बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी नेता हैं, जो अपनी नेतृत्व क्षमता, समावेशी प्रशासन और सतत विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। लेख में लिखा गया कि वे देश में भ्रष्टाचार की व्यवस्था (जो 55 साल के शासन के दौरान बना और पहले 30 वर्षों में खास तौर पर ये शुरू हुआ) से लड़ रहे हैं और पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ने की ये भी एक वजह है।