नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने मुर्शिदाबाद के डीआईजी को हटाने का आदेश दिया। सूत्रों ने बताया कि उनके खिलाफ ये कार्रवाई हिंसा मामले में तत्परता नहीं बरतने के आरोप में की गई है। राज्य में दो हिंसाओं में हथियार और गोला बारूदों का उपयोग किया गया था। लोकसभा चुनाव की घोषणा करते हुए आयोग ने कहा था कि चुनावी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव से पहले 4,650 करोड़ रुपये जब्त
चुनाव आयोग ने बताया कि एक मार्च से अबतक हर दिन 100 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। चुनाव के शुरू होने से पहले 4,650 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं, जो कि 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी ज्यादा हैं। बता दें कि देशभर में सात चरणों में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होगा। चुनाव 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे, जबकि नतीजे चार जून को जारी होंगे।
पोल पैनल ने बताया कि एक मार्च से अबतक की गई जब्ती 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बरामद 3,475 करोड़ रुपये से अधिक है। बरामद किए गए 4,658 करोड़ रुपये में 395 करोड़ रुपये नकद, जबकि शराब की तस्करी से जुड़े 489 करोड़ रुपये हैं। 45 फीसदी जब्ती नशीली दवाओं से की है।
आयोग ने बताया कि काले धन का उपयोग उम्मीदवार को समान अवसर मिलने में बाधा पैदा कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जब्ती चुनावी गड़बड़ियों को रोकने और उम्मीदवारों को समान अवसर देने का एक अहम हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में गुजरात, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम विधानसभा चुनाव में बड़ी जब्ती की गई है।
आयोग ने बताया कि समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए नेताओं के वाहनों की जांच की जा रही है और अपने काम में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों को हटाने जैसी कार्रवाइयां भी की जा रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्रचार के दौरान नेताओं की मदद करने के लिए 106 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि ये विभिन्न नियम और नैतिकता के खिलाफ है।