चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मांं कालरात्रि की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि, दानवों के संहार के लिए मां दुर्गा ने मां कालरात्रि का अवतार लिया था। हाथ में खप्पर, तलवार और गले में नरमुंड की माला धारण करने वाली मां का ये स्वरूप संकट से उबारने वाला है। इस साल सप्तमी की पूजा 15 अप्रैल को की जाएगी। माता कालरात्रि को काली, चंडी, धूम्रवर्णा, चामुंडा आदि नामों से भी जाना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की सच्चे मन से पूजा करता है, तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसे में लोग मां कालरात्रि को उनके प्रिय पकवान का भोग लगाते हैं। मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है। इसी के चलते आप भी उन्हें गुड़ से बनी खीर का भोग लगा सकती हैं। इस लेख में हम आपको गुड़ की खीर बनाने का आसान तरीका बताएंगे।
गुड़ की खीर बनाने का सामान
- समा के चावल – 1 कप
- घी
- दूध – 2 लीटर
- गुड़ – 125 ग्राम
- इलायची – 4
- चिरौंजी और केसर
- काजू, बादाम, पिस्ता – 1 कप
विधि
गुड़ की खीर बनाने के लिए सबसे पहले व्रत वाले समा के चावलों को धो लें। इसके बाद इन्हें गैस पर रखकर हल्का पका लें। पकाने के बाद चावलों को साइड में रख दें। इसके बाद एक बड़ा भगोना लें और उसमें एक चम्मच घी डालें। जब घी पिघल जाए तो गैस धीमी कर दें। इसके बाद इसमें इलायची डालें। इसके बाद आधा कप पानी डालने के बाद इसमें दूध डालें। अब दूध को सही से उबलने दें।
जब दूध में उबाल आ जाए तो इसमें पके हुए चावलों को डालें। अब कुछ देर दूध और चावलों को पकाएं। इस दौरान इसे लगातार चलाते रहें, ताकि ये भगोने में चिपके नहीं। इसके बाद दूध में बादाम, काजू और चिरौंजी डालकर इसे पकने दें। अब आखिर में कसे हुए गुड़ को भगोने में डालें और इसे भी लगातार चलाते रहें। गुड़ डालने के बाद आपको सिर्फ दो से तीन मिनट खीर को पकाना है। बस आपकी खीर तैयार है। अब इसे ऊपर से पिस्ता से सजाएं और फिर ठंडा करने के बाद माता रानी को इसका भोग लगाएं।