महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में चुनाव आयोग ने दो बुजुर्गों को लोकसभा चुनाव के लिए अपने घरों से मतदान देने में सक्षम बनाने के लिए 107 किमी तक जोखिम भरे रास्ते और जंगलों से होकर यात्रा की। दोनों ही मतदाताओं की उम्र 100 और 86 वर्ष है। गड़चिरौली-चिमूर निर्वाचन क्षेत्र में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होने वाला है।
80 वर्ष से अधिक-द्वियांगों के लिए 107 किमी की यात्रा तय करेंगे चुनाव अधिकारी
गढ़चिरौली के जिला सूचना अधिकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 80 साल से ज्यादा उम्र वाले और 40 फीसदी वाले दिव्यांग व्यक्तियों को घर से वोट डालने की छूट दी है। इस पहल के तहत चुनाव अधिकारी अहेरी से सिरोंचा 100 किमी की दूरी तय कर 100 वर्षीय किस्तैय्या मदारबोइना और 86 वर्षीय किस्तैय्या कोमेरा के पास पहुंचे। अधिकारी ने बताया कि ये दोनों ही मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहते हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण ये चुनावी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश में एक मतदाता के लिए बनेगा अस्थाई मतदान केंद्र
महाराष्ट्र के अवाला अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले मालोगम गांव में 44 वर्षीय सोकेला तायांग मतदान अधिकारियों की टीम 39 किमी की दूरी तय करेगी। दरअसल तयांग उस गांव में अकेली मतदाता है। उनके लिए चीन की सीमा के पास स्थित गांव में एक अस्थाई मतदान केंद्र बनाया जाएगा। बता दें कि मालोगम में बहुत ही कम परिवार रहते हैं। तायांग को छोड़कर अन्य सभी मतदाता अन्य केंद्रों में पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन वह किसी अन्य मतदाता केंद्र में स्थानांतरित होने को तैयार नहीं है।