त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता माणिक सरकार को नसीहत दी है कि वह राज्य में कांग्रेस के साथ अपवित्र गठबंधन को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएं। भाजपा ने नेता यह बात अगरतला के चंद्रपुर में पार्टी की एक बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में कांग्रेस और सीपीएम का गठबंधन अपवित्र प्रकृति का है, क्योंकि दोनों ही पार्टियां खूनी संघर्ष से भरे इतिहास को भूल चुकी हैं। रामनगर सीट पर पर लोकसभा और उपचुनाव में प्रचार के लिए माणिक सरकार के न उतरने का जिक्र करते हुए बिप्लब देब ने कहा, “वे (माणिक सरकार) कभी कांग्रेस और माकपा के गठबंधन को मंजूर नहीं करेंगे। लगातार चार बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान माणिक सरकार ने सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के लिए प्रचार किया है। यह पहली बार है, जब उन्हें उस पार्टी के लिए प्रचार करने को मजबूर किया जा रहा है, जिसका उन्होंने पूरी जिंदगी विरोध किया।”
बिप्लब ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी इस वक्त अस्तित्व के संकट से जूझ रही है और खुद को जिंदा रखने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए कांग्रेस और माकपा साथ आए हैं, न कि लोगों की भलाई करने के लिए। दोनों पार्टियों ने कई वर्षों तक त्रिपुरा के लोगों को धोखा दिया है और उनके काम उनकी बातों से ज्यादा बोलते हैं।”
भाजपा नेता ने इस दौरान माणिक सरकार के सीएम के तौर पर कार्यकाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार के चार कार्यकाल में लोगों के लिए पीएम आवास योजना के तहत महज 48 हजार घर ही बने। वहीं, 2018 में भाजपा की सरकार बनने के बाद 4.1 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं।
भाजपा के खिलाफ त्रिपुरा में पहली बार कांग्रेस-लेफ्ट एकजुट
त्रिपुरा के 72 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार कांग्रेस और वाम दलों ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर संयुक्त रूप से संसदीय चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन बनाया है। पिछले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वामपंथी दोनों पार्टियों ने एकजुट होकर सत्ताधारी पार्टी का विरोध किया था।