केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास को खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि नाम बदलने के प्रयास से इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा।
विदेश मंत्रलय ने खारिज किया चीन का दावा
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नए नामों की चौथी सूची जारी करने के बाद मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, “चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के प्रयासों पर कायम है। हम चीन द्वारा किए गए इन प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। स्थानों का नाम बदलने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा।”
इससे पहले 28 मार्च को भारत ने कहा था कि चीन अपने निराधार दावों को दोहरा सकता है। दरअसल, चीन की तरफ से अक्सर दावा किया जाता है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है। प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन लागातार अरुणाचल प्रदेश पर अपनी दावेदारी करता आ रहा है। उनका यह चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियांग के दावे के बाद आया।
जयशंकर ने किया था पलटवार
सोमवार को केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आज अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा। नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता है। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मुस्तैदी के साथ खड़ी है।