अब बकरियों का भी कृत्रिम गर्भाधान होगा। इसके लिए चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है। पहली बार जिले के दस ब्लाॅकों में अप्रैल माह में योजना लागू की जाएगी। गायों और भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान कराने की योजना पहले से चल रही है। शासन ने बकरी पालन को बढ़ाना देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान (आर्टिफिशियल इंसेमिनेश) योजना बनाई है।
इससे बकरे से बकरियों में होने वाले रोगों में कमी आएगी। बकरों में मोनियोसिस, ब्रुसलोसिस, विब्रियोसिस बीमारियां होती हैं। ये बीमारियां बकरियों में भी फैल जाती हैं। कृत्रिम गर्भाधान से इन बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। इसके लिए जिले में 10 केंद्र चिह्नित किए गए हैं। वहां के एक-एक पशु चिकित्सक को ट्रेनिंग भी दे दी गई है। कृत्रिम गर्भधारण करने का अभी शुल्क निर्धारण नहीं हो सका है। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
गर्भाधान से होंगे ये लाभ
– अच्छी नस्ल की बकरियां पैदा की जा सकती हैं।
– पशुओं के प्रजनन संबंधित रिकाॅर्ड में आसानी होगी।
– अच्छी नस्ल और अधिक वजन के बकरे, बकरियां होंगे।
इन जिलों में शुरू होगी प्रक्रिया
कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, समल, बिजनौर, अमरोहा, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, झांसी, जालौन, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, मिर्जापुर।