रामपुर जिले में कई खेमों में बंटी समाजवादी पार्टी के नए प्रत्याशी मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के लिए गुटबाजी भेदना बड़ी चुनौती होगा। नामांकन के दिन ही प्रत्याशी तय कर सपा हाईकमान ने रामपुर वासियों को नया चेहरा तो दे दिया लेकिन रामपुर की सियासत और यहां सपा में गुटबाजी भी खुलकर सामने नजर आई है।
सीट पर मजबूत चुनाव लड़ने के लिए गुटबाजी से पार पाना नए प्रत्याशी के लिए चुनौती बनेगा ही, साथ ही दिग्गज नेताओं को गले लगाने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। रामपुर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है। चुनाव में अब मात्र 20 दिन ही बाकी हैं, ऐसे में सपा के प्रत्याशी मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के पास प्रचार के लिए भी यही समय बचा है। जिसमें पार्टी की गुटबाजी से पार पाना और सीनियर और दिग्गज नेताओं की नाराजगी दूर करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बनेगा। मौलाना नदवी दिल्ली पार्लियामेंट्री स्ट्रीट की जामा मस्जिद के इमाम हैं और करीब 19 साल उन्होंने वहां अपनी सेवाएं दी हैं।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, संभल के सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क सहित देशभर के अन्य दिग्गज मुस्लिम नेता उनके पीछे नमाज अदा कर चुके हैं। मुस्लिम राजनीतिक लोगों में अच्छी पकड़ और लगातार सपा हाईकमान के संपर्क में रहने का लाभ मौलाना नदवी मिला।सपा ने मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को रामपुर लोकसभा सीट से सपा ने प्रत्याशी बना दिया है। लेकिन रामपुर जिले से करीब 19 साल से दूरी बनाने रखने के बाद मौलाना नदवी को पैंठ बनाने में ताकत झोंकनी होगी। ऐसे में जब चुनाव में मात्र 19 दिन ही शेष रह गए हों।