नींद न आने की समस्या किसी भी उम्र में और कई कारणों से हो सकती है। हालांकि अगर ये दिक्कत लंबे समय तक बनी रहती है तो इसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत माना जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, नींद से जुड़ी कठिनाइयां दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं। कुछ स्थितियों में इसको गंभीर बीमारियों का संकेत भी माना जाता है जिसको लेकर आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरी हो जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी उम्र के लोगों के लिए जरूरी है कि आप रोज रात में कम से कम 6-8 घंटे की निर्बाध नींद प्राप्त करें। अगर आपको अक्सर नींद लेने में कठिनाई होती है तो इस बारे में समय रहते विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक हो जाता है। कुछ स्थितियों में नींद न आने की समस्या को शरीर में बन रहे गंभीर रोगों के कारण के तौर पर देखा जाता है जिसका समय पर उपचार जरूरी हो जाता है।
नींद विकारों की समस्या
इंडियन जर्नल ऑफ फार्मेसी प्रैक्टिस में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि केरल के तीन जिलों, एर्नाकुलम, इडुक्की और कोट्टायम के बच्चों में नींद की गुणवत्ता की काफी कमी देखी गई है। ज्यादातर बच्चों में समस्या का पता लगाने के दौरान पाया गया कि वह तनावपूर्ण जीवन की घटनाओं और चिकित्सा समस्याओं के शिकार थे। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों-वयस्कों में नींद न आने की समस्या के कारण शारीरिक-मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर गंभीर असर हो सकता है।
स्ट्रेस और डिप्रेशन
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं नींद न आने और अनिद्रा का एक बड़ा कारण हैं। कई रिपोर्टों से पता चलता है कि बच्चों-वयस्कों की जीवनशैली, दिनचर्या, शारीरिक गतिविधियों में कमी और उनके आस-पास के नकारात्मक वातावरण के कारण अवसाद और चिंता के मामले बढ़ सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य की इन समस्याओं के कारण नींद न आने की दिक्कत सबसे प्रमुख रूप से देखी जाती है। स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का समय पर उपचार बहुत आवश्यक है।