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मुख्तार के वकील ने एफआईआर दर्ज करने की दी तहरीर, सीसीटीवी सुरक्षित रखने की मांग की

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के 24 घंटे के भीतर ही उनके वकील ने बाराबंकी की एमपीएमएल कोर्ट में अर्जी देकर मुख्तार के कथन को मृत्युकालीन बताते हुए एफआईआर दर्ज करने व बांदा जेल में सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने की अर्जी दे दी। शुक्रवार को गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी समेत उसके 12 अन्य साथियों की पेशी नियत थी। फिलहाल अदालत ने इस अर्जी पर कोई फैसला नहीं दिया है।

बाराबंकी में मुख्तार अंसारी व उसके 12 साथियों पर फर्जी कागजों से एंबुलेंस पंजीकृत कराने के आरोप में जालसाजी व गैंगस्टर के मामलों में अलग-अलग अदालतों में सुनवाई चल रही है। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाता था। गैंगस्टर के मामले में शुक्रवार को एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में पेशी थी। इस दौरान मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने एक अर्जी अदालत को दी।

अर्जी में स्वर्गीय मुख्तार अंसारी को प्रार्थी बताते हुए कहा गया है कि 21 मार्च को मुख्तार अंसारी ने अदालत को एक पत्र दिया था। जिसमें मुख्तार ने 19 मार्च को बांदा जेल में विषाक्त पदार्थ खिलाए जाने की कही थी। अब रहस्यमय परिस्थियों में उसकी मौत हो गई इसलिए मुख्तार के कथन को मृत्यु कालीन मानकर वाद दर्ज किए जाने की आवश्यकता है।

अर्जी में यह भी कहा गया हैं कि बांदा जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज संरक्षित किए जाए। निरीक्षण को लेकर रात में आने वाले सभी अधिकारियों का ब्योरा व फोटो संरक्षित किया जाए। एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। फिलहाल, अदालत ने इस अर्जी पर अभी कोई फैसला नहीं दिया है।

चार अप्रैल को सुनवाई करेगी अदालत
एमपीएमएलए कोर्ट में शुक्रवार को गैंगस्टर के मामले में सुनवाई हुई। मुख्तार के साथी जफर उर्फ चंदा को संतकबीरनगर जेल व अफरोज उर्फ चुन्नू को गाजीपुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश किया गया। सुनवाई करते हुए विशेष जज कमलकांत श्रीवास्तव ने सुनवाई की अगली तारीख चार अप्रैल तय की है।