Saturday , November 23 2024
Breaking News

मथुरा के इस कस्बा में खेली गई कीचड़ की अनोखी होली, एक-दूसरे को किया सराबोर; चहुंओर दिखा उल्लास

तीर्थनगरी मथुरा के नौहझील कस्बा में होली के दूसरे दिन कीचड़ की होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। परंपरा अनुसार मंगलवार को सुबह से ही लोग कीचड़ की होली खेलने लगे। रंग और फूलों की होली की तरह ही उल्लास के साथ कीचड़ की होली खेली गई। सभी बाजार बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। हुरियारों ने आने-जाने वाले वाहनों और लोगों को भी कीचड़ में घसीटकर होली खेली।

मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण को होली का त्योहार सबसे अधिक प्रिय है। कान्हा के प्रिय त्योहार की बात हो तो उनके भक्त त्योहार को विशेष बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। तभी तो सारी दुनिया ब्रज की होली की दीवानी है। फिर वो चाहे बरसाना की लठामार होली हो या नंदगांव की लड्डू होली।

वैसे तो पूरे ब्रज मंडल में होली खेलने का अलग ही रिवाज है। लेकिन, मथुरा का नौहझील कस्बा ऐसा है जहां रंगों की होली के अगले दिन कीचड़ की होली होती है। मंगलवार को भी उत्साही नवयुवकों एवं हुरियारनों की टोलियां अलग-अलग गली मोहल्लों में निकलीं। सभी ने कीचड़ की होली का आनंद लिया।

कीचड़ की होली खेलने वाले हुरियारों और हुरयारिनों की कितनी दहशत रहती है कि कस्बे के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रखते हैं। बाजार से लगे हुए गांवों से कोई भी व्यक्ति इनकी दहशत की वजह से कस्बे में नहीं आता। दोपहर तक यातायात के साधन भी पूरी तरह बंद रहे।

होली खेलने के शौकीनों ने बुग्गी और ट्रैक्टरों से दो दिन पूर्व ही मिट्टी लाकर कीचड़ की व्यवस्था कर ली थी। इसमें एक दूसरे को सराबोर कर दिया। इसके बाद मोहल्ले की महिलाओं को भी कीचड़ में पूरी तरह सराबोर कर दिया। बिना जानकारी के यदि कोई व्यक्ति किसी वाहन से अथवा पैदल कस्बे में आ गया तो उसका भी वही हाल हुआ।