पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश को बर्खास्त करने के आदेश को अवैध घोषित कर दिया। दरअसल, न्यायाधीश को देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के खिलाफ भाषण देने के लिए पद से हटा दिया गया था।
साल 2018 में बर्खास्त किया
रावलपिंडी बार एसोशिएसन में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शौकत अजीज सिद्दीकी ने आईएसआई पर अदालत की कार्यवाही को प्रभावित करने और पसंद की पीठें बनाने का आरोप लगाया था। इसी को लेकर उन्हें 11 अक्तूबर, 2018 में सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था।
कई साल बीतने के बाद सुनवाई
पूर्व न्यायाधीश ने पद से हटाए जाने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। कई साल बीत जाने के बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू की गई। मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल और इसमें न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखल, न्यायमूर्ति हसन अजहर रिजवी और न्यायमूर्ति इरफान शादत शामिल थे।
23 जनवरी को रखा था फैसला सुरक्षित
पीठ ने 23 जनवरी को सुनवाई पूरी कर ली थी और आदेश को सुरक्षित रख लिया था, जो आज जारी किया गया। पीठ ने कहा कि सिद्दीकी को हटाया जाना गलत है। उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट का सेवानिवृत्त न्यायाधीश माना जाएगा और वह एक पूर्व न्यायाधीश की तरह सभी लाभों के हकदार होंगे।