Monday , December 23 2024
Breaking News

डिंपल सीख गईं राजनीत के वो गुर, जिससे मुलायम ने विरोधियों को किया था चित; अब खुद के दम पर लड़ रहीं चुनाव

मैनपुरी लोकसभा चुनाव की मझधार पार करने के लिए सांसद डिंपल यादव ने इस बाद खुद ही पतवार थाम ली है। अकेले ही वे इस बार चुनावी मैदान में उतरी हैं। जनता के बीच जा रही हैं और संगठन से रायशुमारी कर जनता के बीच अपनी पकड़ बना रही हैं। ऐसे में डिंपल कहीं न कहीं अपना खुद का वजूद गढ़ रहीं हैं।

सांसद डिंपल यादव ने 2009 में सियासत में अपना पहला कदम रखा था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से फिरोजाबाद सीट छोड़ने के चलते यहां हुए उपचुनाव में वे सपा प्रत्याशी थीं। यहां वे कभी अखिलेश यादव तो कभी धर्मेंद्र यादव या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नजर आती थीं। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 2012 और 2014 में वे कन्नौज से सांसद चुनी गईं। यहां भी प्रचार के दौरान अखिलेश या परिवार का कोई न कोई सदस्य उनके साथ ही रहा। 2019 में कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद उन्होंने मैनपुरी से 2022 में लोकसभा उपचुनाव लड़ा।

नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी। यहां भी प्रचार में अखिलेश यादव साये की तरह उनके साथ नजर आए। अखिलेश की गैर मौजूदगी में कभी देवर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव तो कभी भतीजे पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव ने उनका साथ दिया। लेकिन 2024 के आम चुनाव में अब डिंपल यादव नए कलेवर में नजर आ रही हैं। इस बार वे अकेले ही मैनपुरी की कमान संभाले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां लखनऊ में व्यस्त हैं तो वहीं धर्मेंद्र यादव भी आजमगढ़ से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद व्यस्त चल रहे हैं। पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव भी मैनपुरी में नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि डिंपल यादव ये बता चुकी हैं कि तेजप्रताप का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

कारण चाहे जो हो, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे अलग नजरिये से देख रहे हैं। उनका मानना है कि डिंपल यादव किसी न किसी का सहारा लेने वाली छवि से बाहर निकल रही हैं। यही कारण है कि वे इस बार मैनपुरी में बीते डेढ़ माह से लगातार अकेले ही लोगों के बीच जा रही हैं। फिलहाल होली तक के लिए उनके कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। होली के बाद फिर बार उनका मैनपुरी में भ्रमण शुरू हो जाएगा।