दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा है। इसके चलते दिल्ली में अब संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। दिल्ली में चार मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके पूर्व विधानसभा सचिव एवं संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा बताते हैं, देखिये, इस मामले में संविधान चुप है। जेल से सरकार नहीं चला करती। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि सरकार का मुखिया जेल में चला जाए और वहीं से सरकार चलती रहे। देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
ऐसे कई कामकाज होते हैं, जिनके लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य होती है। अगर मौजूदा स्थिति में केजरीवाल, मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते हैं तो सरकार के पास उन्हें डिसमिस करने का ही विकल्प बचता है। यह सारी प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा पूरी की जाती है।
पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया…
बतौर एसके शर्मा, हम कह सकते हैं कि इस तरह के संवैधानिक संकट के दौर में अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास ही दिल्ली के ताले की चाबी है। संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा ने बताया, ये तय है कि दिल्ली सरकार, जेल से नहीं चलेगी। जैसा कि दिल्ली सरकार के मंत्री यह दावा करते रहे हैं कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे। वे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। शर्मा का कहना है, इस तरह के मामले में संविधान मौन है। देश में पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया है कि मुख्यमंत्री जेल में हो और सरकार चलती रहे। सरकार में कई तरह के कामकाज होते हैं।