तमिलनाडु में डीएमके नेता के.कोनमुडी को राज्यपाल द्वारा कैबिनेट मंत्री नियुक्त देने से इनकार किया गया है। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है और तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कल सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल आरएन रवि के फैसले पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने इस बात को नोट किया है कि के.पोनमुडी की सजा पर शीर्ष अदालत द्वारा रोक लगाई गई है। इसके बाद भी राज्यपाल द्वारा उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने की अनुमति नहीं दी गई।
ऐसा कैसे कह सकते हैं राज्यपाल- सुप्रीम कोर्ट
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि राज्यपाल क्या कर रहे हैं? शीर्ष अदालत द्वारा पोनमुडी की सजा पर रोक लगाई गई है। इसके बाद राज्यपाल ऐसे कैसे कह सकते हैं कि पोनमुडी का कैबिनेट मंत्री बनना संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि राज्यपाल ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की है। हम उनके इस आचरण को लेकर चिंतित हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी के.पोनमुडी की सजा पर रोक
तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके के वरिष्ठ नेता के.पोनमुडी आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंस गए थे। 21 दिसंबर 2023 को उन्हें और उनकी पत्नी को मद्रास हाईकोर्ट द्वारा तीन साल की कैद और 50 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 13 मार्च, 2024 को उनकी तीन साल की जेल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रोक लगाई गई थी।