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सैन्य प्रशिक्षण के दौरान घायल होने पर अमान्य हुए तो मिलेंगी सुविधाएं, राजनाथ ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान कैडेट्स के घायल पर प्रदान की जा रही पुनर्वास सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन कैडेट्स को अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी जिन्हें घायल होने के कारण घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘रक्षा मंत्री ने उन कैडेट्स के लिए पुनर्वास (रीसेटलमेंट) सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सा आधार पर सैन्य प्रशिक्षण के लिए अमान्य हो गए हैं।’ इसमें आगे कहा, यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में भर्ती होने के इरादे से कम उम्र में सैन्य अकादमियों में शामिल होते हैं और वर्दी में राष्ट्र की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से उनमें से कुछ अमान्य हो जाते हैं।

बयान में कहा गया कि दशकों से कैडेट्स और उनके माता-पिता इस तरह के पुनर्वास की सुविधा की मांग कर रहे हैं। हर साल करीब 10 से 20 लोग चिकित्सा आधार पर अमान्य हो जाते हैं। इसमें कहा गया, हर साल सैन्य अकादमियों में युवा कैडेट अकादमिक और सैन्य प्रशिक्षण से गुजरते हैं और इनका मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों में अधिकारियों के तौर पर कमीशन हासिल करना होता है।

इसमें आगे कहा गया, मौजूदा नियमों के मुताबिक ऐसे कैडेट को कमीशन मिलने के बाद ही अधिकारी माना जाता है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, मौजूदा नियमों के मुताबिक एक कैडेट को कमीशन मिलने के बाद ही अधिकारी माना जाता है। कुछ कैडेट (प्रति वर्ष 10-20) कठोर सैन्य प्रशिक्षण के कारण या उसके कारण बढ़ने के कारण चिकित्सा आधार पर अमान्य हो जाते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पुनर्वास नीति के तहत कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।