कोलकाता: लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियों ने कमर कस ली है। चुनाव आयोग ने आज चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार, इस बार 97 करोड़ मतदाना मतदान करेंगे। चुनाव में 55 लाख ईवीएम का इस्तेमाल होगा और 10.5 लाख मतदान केंद्रों में चुनाव आयोजित किया गया है। इसी के साथ पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान भी हो चुका है। पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होगा। बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 07 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होंगे। देशभर में चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।
लोकसभा चुनाव के लिए इस बार पश्चिम बंगाल मुख्य केंद्र बना हुआ है। दरअसल, संदेशखाली हिंसा के बाद बंगाल में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को 18 सीटें जीतकर बड़ा झटका दिया था। भाजपा सरकार को केंद्र से हटाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकसाथ आई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने बिना गठबंधन अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करते हुए सभी को चौंका दिया था। बंगाल की 42 सीटों के लिए उन्होंने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है।
भाजपा और टीएमसी के बीच हुई थी कांटे की टक्कर
पिछली बार की तरह इस बार फिर बंगाल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा का सीधा सामना ममता बनर्जी की टीएमसी से होने वाला है। पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। जहां भाजपा ने 18 सीटें तो टीएमसी ने 22 सीटें जीतीं थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में 17 फीसदी वोट के साथ महज दो सीटें जीतने वाली भाजपा ने 2019 में 40 फीसदी वोट के साथ 18 सीटें जीतकर जबरदस्त राजनीतिक उलटफेर किया था।