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26/11: प्रॉसिक्यूशन के हाजिर न होने से PAK हाईकोर्ट ने वॉयस सैम्पल खारिज किया

mumbai-attack2इस्लामाबाद। मुंबई हमलों को लेकर पाकिस्तान सरकार की दो रिवाइवल पिटीशन प्रॉसिक्यूशन की हाईकोर्ट में हाजिरी न होने से खाारिज कर दी। इन पिटीशन्स में संदिग्ध मास्टरमाइंड के वॉयस सैम्पल लेने और अजमल कसाब और फहीम अंसारी को भगोड़ा डिक्लेयर करने की अपील की थी।
एक ही कोर्ट में दो बार खारिज हुए वॉयस सैम्पल…
– इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस नूरुल हक और अथर मिनाअल्ला की बेंच ने फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईएस) द्वारा दी गई पिटीशन्स को खारिज कर दिया।
– पिटीशन में संदिग्ध मास्टरमाइंड और छह अन्य लोगों के वॉयस सैम्पल लेने की मांग की थी, ताकि वह भारत द्वारा दिए गए वॉयस सैम्पल से मिलान कर सकें।
– इससे पहले सितंबर 2012 में भी इसी कोर्ट ने सेम ग्राउंड पर दोनों पिटीशन को खारिज किया था।
– उसके बाद एफआईए ने मामले में रिवाइवल के लिए दोबारा पिटीशन फाइल की थी।
एंटी टेररिस्ट कोर्ट भी कर चुकी है खारिज
– प्रॉसिक्यूशन ने बताया, “मई 2010 में एंटी टेररिस्ट कोर्ट (एटीसी) ने संदिग्धों के वॉयस सैम्पल की पिटीशन को खारिज कर दिया था।
– पिटीशन में कोर्ट को बताया गया था कि मुंबई हमले की जांच के लिए ये सैम्पल काफी थे।
पहली पिटीशन में क्या ?
– भारतीय खुफिया एजेंसियों ने मुंबई हमले के दौरान आतंकियों की बातचीत को इंटरसेप्ट करने का दावा किया था।
– उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बैठे हमले के मास्टरमाइंड, हमलावरों को आदेश दे रहे थे।
दूसरी पिटीशन में क्या?
– कोर्ट से अपील की गई थी कि हमले में शामिल अजमल कसाब और फहीम अंसारी को भगोड़ा घोषित कर दिया जाए।
– इससे जांचकर्ताओं को लीगल फॉर्मेलिटीज को पूरा करने में आसानी होगी।
पठानकोट हमले के वॉयस सैम्पल भी नकार चुका है पाक
इससे पहले भारत द्वारा सबूत के तौर पर दिए गए पठानकोट हमले के वॉयस सैम्पल भी पाक नकार चुका है। साथ ही, उसने कहा कि ये सबूत जांच के लिए काफी नहीं हैं।
बोट की जांच करने से भी किया था इनकार
करीब दस दिन पहले एंटी टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई बोट की जांच कराने से इनकार कर दिया था। प्रॉसिक्यूशन ने इस बोट की जांच के लिए कोर्ट से आग्रह किया था।’अल फौज’ नाम की इस बोट से आतंकी हमलावर पाकिस्तान से भारत आए थे।
जमानत पर है मास्टरमाइंड आतंकी लखवी
– मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर-रहमान लखवी समेत सात लोगों को पाक में गिरफ्तार किया गया था।
– एटीएस 2009 से इन पर मुकदमा चला रही है। लेकिन लखवी को दिसंबर 2014 में जमानत मिल गई। उसे 10 अप्रैल को रावलपिंडी की अडियाला जेल से छोड़ दिया गया।
– लाहौर हाईकोर्ट ने लखवी को फिर से अरेस्ट करने के सरकारी आदेश को खारिज कर दिया था।