मानव विकास पर जारी संयुक्त राष्ट्र की एक नवीन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2023 में वैश्विक मानव विकास अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, मगर उसके साथ ही संपन्न व वंचित समुदायों के बीच की खाई और गहरी हुई है। बताया गया है कि विषमतापूर्ण विकास के कारण सबसे निर्धन देश पीछे छूट रहे हैं, असमानताएं बढ़ रही हैं और राजनैतिक ध्रुवीकरण को हवा मिल रही है।
मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर) बुधवार को ‘ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिंग कोऑपरेशन इन ए पॉलराइज्ड वर्ल्ड’ नाम से प्रकाशित की गई है। इसमें प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय, शिक्षा, और जीवन प्रत्याशा के आधार पर देशों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से तत्काल इसका समाधान किया जाना चाहिए।
यह देश आगे
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और आइसलैंड, राष्ट्रीय मानव विकास सूचकों में अग्रणी देश हैं, जबकि मध्य अफ्रीकी गणराज्य, दक्षिण सूडान और सोमालिया सबसे पीछे हैं।
इसमें एक चिंता पैदा करनी वाली बात भी सामने आई है। बताया गया है कि वैश्विक मानव विकास सूचकांक (HDI) बेहतरी की ओर अग्रसर है, लेकिन यह अपूर्ण, असमान है। साथ ही यह आंशिक वैश्विक स्थिति को बयां करता है। पिछले साल का एचडीआई बताता है कि 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अब यह एक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार, धनी देशों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। हालांकि, विश्व के निर्धन देशों में से करीब आधे देश, कोविड संकट से पहले के स्तर से भी नीचे लुढ़क गए हैं।
बुनियादी वजहों और टिकाऊ विकास पर होने वाले असर पर नजर
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने मानव विकास रिपोर्ट के आधार पर कहा कि इसमें ध्रुवीकरण की बुनियादी वजहों और टिकाऊ विकास पर होने वाले असर पर नजर डाली गई है, मगर यह भविष्य के लिए हमारी उम्मीद की भी परिचायक है। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की हमारी व्यवस्थाओं में जल्द विस्तार की अहमियत पर प्रकाश डालती है।