नींबू मांगने से जुड़े एक अजीबोगरीब मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीआईएसएफ अधिकारी को झटका देते हुए टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि सीआईएसएफ कर्मी द्वारा आधी रात समय पर महिला का दरवाजा खटखटाकर उससे नींबू मांगना बेतुका और अशोभनीय है। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी सीआईएसएफ पर लगाए गए जुर्माने को रद्द करने से इनकार कर दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये निर्णय मुंबई में बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) में तैनात अरविंद कुमार की याचिका पर दिया है।
इस मामले में अरविंद कुमार की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एम एम सथाये की खंडपीठ ने 11 मार्च के अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता कांस्टेबल ने घटना से पहले शराब पी थी। साथ ही यह जानते हुए भी कि घर का मुखिया पुरुष बाहर है और घर में केवल एक अकेली महिला है, ऐसे में नींबू लेने के तुच्छ कारण के लिए पड़ोसी का दरवाजा खटखटाना बेतुका है। याचिकाकर्ता का यह आचरण सीआईएसएफ जैसे बल के अधिकारी के लिए निश्चित रूप से अशोभनीय है। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता का इरादा निश्चित रूप से उतना वास्तविक और स्पष्ट नहीं पाया गया जितना आरोप लगाया गया है।
अपनी याचिका में अरविंद कुमार ने जुलाई 2021 से जून 2022 में सीआईएसएफ में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कदाचार के मामले में उनपर जुर्माना लगाने की कार्रवाई को चुनौती दी थी। अधिकारियों ने कुमार का वेतन तीन साल के लिए कम कर दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि उन्हें सजा के तौर पर उनका वेतन भी नहीं बढ़ाया गया है। अरविंद कुमार पर आरोप लगाया गया था कि साल 2021 में 19 और 20 अप्रैल की आधी रात को अपने पड़ोसी के दरवाजे को खटखटाया था।