कोहिमा: ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) के अनिश्चितकालीन बंद के कारण सोमवार को पूर्वी नागालैंड के छह जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। गौरतलब है कि अलग राज्य की मांग को लेकर ईएनपीओ ने बंद का आह्वान किया।
सड़क पर नहीं दिख रहे वाहन, दुकानें बंद
बंद का आलम ये है कि दुकानें और कई व्यापारिक संस्थान पूरी तरह से बंद रहे, ज्यादातर वाहन सड़कों से नदारद रहे। क्षेत्र में सात नागा जनजातियों के शीर्ष निकाय ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए बंद का आह्वान किया था। हालांकि बिजली विभाग, चिकित्सा, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन सेवाओं के अलावा मीडिया और शादियों को बंद के दायरे से मुक्त रखा गया था।
‘जब नहीं मानी मांगे तब तक नहीं घुसने देंगे नेताओं को’
ईएनपीओ की मांग है कि छह जिलों मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर को मिलाकर एक अलग ‘फ्रंटियर नागा टेरिटरी’ राज्य बनाया जाए। सूत्रों ने बताया कि बंद का आह्वान करने का निर्णय रविवार को तुएनसांग जिले में ईएनपीओ के मुख्यालय में लिया गया। ईएनपीओ ने अपनी मांग का समाधान होने तक आगामी लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल को क्षेत्र में प्रचार करने की अनुमति नहीं देने का संकल्प भी लिया है।