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वर्जीनिया की सीनेट में भारतवंशी पत्रकार का सम्मान, काम की सराहना करते हुए सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव

भारतीय-अमेरिकी पत्रकार टी विष्णुदत्त जयरामन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, वर्जीनिया के सदन ने जयरामन के पत्रकारिता और विदेश नीति के प्रति समर्पण के लिए उनके काम की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव भारतीय अमेरिकी सांसद सुहास सुब्रमण्यम ने चार मार्च को पेश किया था। बता दें, सुब्रमण्यम वर्जीनिया के 10वें कांग्रेस निर्वाचन क्षेत्र से अमेरिकी कांग्रेस के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार भी हैं। बाद में आठ मार्च को सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया।

सीनेट में जयरामन का परिचय देते हुए सुब्रमण्यम ने पत्रकारिता और विदेश नीति के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। साथ ही उन्हें सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रतिष्ठित अशोक पुरस्कार प्राप्त करने वाले पत्रकार के रूप में संदर्भित किया। सुब्रमण्यम ने कहा कि जयरामन को 27 जनवरी को अमेरिका में तत्कालीन भारतीय राजदूत तरणजीत संधू और वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं सदन के अध्यक्ष विनसम सियर्स ने भारतीय प्रवासियों के लिए मीडिया कवरेज करने और अमेरिका-भारत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान किया था।

पिछले साल मिला था पुरस्कार
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं भारतीय सेना के 22वें सेनाध्यक्ष जनरल जे.जे. सिंह और भारत के पूर्व गृह एवं पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने जयरामन को पिछले साल सात दिसंबर को नई दिल्ली में अशोक पुरस्कार दिया था।

यहां भी कर चुके हैं काम
तमिलनाडु के चेन्नई में जन्मे जयारमन को जे. टी. विष्णु के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अमेरिका जाने से पहले नई दिल्ली में कई मीडिया हाउसों के साथ काम किया था। उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सार्वजनिक सूचना विभाग में भी काम किया और ‘यूएन इयरबुक’ और ‘यूएन क्रॉनिकल’ सहित कई प्रकाशनों में योगदान दिया।

इतने पढ़े लिखे हैं पत्रकार जयरामन
जयरामन ने चेन्नई के लोयोला कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। उनके पास पत्रकारिता और जनसंचार में परास्नातक डिग्री है। मद्रास विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय प्रशासन और संयुक्त राष्ट्र में पीएचडी की हुई है। उनके पास न्यू जर्सी के सेटन हॉल विश्वविद्यालय से कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में परास्नातक की डिग्री भी है।