किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। रक्त को फिल्टर करने के अलावा अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी को शरीर से बाहर निकालने में किडनी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये रक्तचाप को भी कंट्रोल में रखने वाला अंग है, पीएच स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी किडनी का स्वस्थ रखना जरूरी है।
मसलन अगर आपको किडनी में किसी प्रकार की समस्या है तो ये संपूर्ण शरीर के लिए हानिकारक प्रभावों वाली हो सकती है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में किडनी और इससे संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ते हुए देखा जा रहा है।
वर्ल्ड किडनी डे, वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान है जो किडनी के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने और दुनियाभर में किडनी रोगों के खतरे को लेकर लोगों को शिक्षित और जागरूक करने पर जोर देता है। प्रतिवर्ष मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। आइए किडनी की बीमारियों और इसके कारणों के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
किडनी रोगों का खतरा
क्रोनिक किडनी डिजीज एक गंभीर समस्या है, ये तब होता है जब किसी बीमारी या अन्य स्थिति के कारण किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हमारी लाइफस्टाइल और आहर से संबंधित कुछ समस्याओं का किडनी की सेहत पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है। जब बात किडनी को स्वस्थ रखने वाली आदतों की होती है तो अपनी दिनचर्या को ठीक रखना जरूरी हो जाता है।
ज्यादा नमक-चीनी तो नहीं खा रहे हैं आप?
ज्यादा नमक वाली चीजों को सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है। इससे न सिर्फ ब्लड प्रेशर बढ़ने और हार्ट की समस्याओं का खतरा रहता है, ये किडनी की सेहत को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाने वाली हो सकती है। अधिक नमक वाले आहार में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो रक्तचाप बढ़ा सकती है और इससे किडनी को नुकसान पहुंचाती है।
नमक की ही तरह, अधिक मात्रा में शुगर वाली चीजों का सेवन करना भी किडनी के लिए हानिकारक है। ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज होने का खतरा रहता है और ये स्थिति किडनी के साथ-साथ नेफ्रॉन में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। मधुमेह से पीड़ित कई लोगों में उच्च रक्तचाप भी विकसित हो जाता है, जिससे किडनी को और भी क्षति पहुंचने का जोखिम रहता है।
कहीं आप भी तो नहीं पीतें हैं कम पानी?
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए शरीर का हाइड्रेटेड रहना जरूरी है, अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने से आपकी किडनी को शरीर से सोडियम और विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद मिलती है। कम पानी पीने के कारण किडनी में विषाक्त पदार्थ एकत्रित होने लग जाते हैं, ये किडनी में स्टोन बढ़ाने वाला कारक भी हो सकता है। किडनी की बीमारियों से बचने या किडनी फेलियर के जोखिमों को कम करने के लिए रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। प्रतिदिन 2 से 4 लीटर पानी पीना शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है।
ओवर-द-काउंटर दवाएं हो सकती हैं नुकसानदायक
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, किडनी को जिन आदतों के कारण सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है उनमें ओवर-द-काउंटर दवाओं का सेवन प्रमुख है। एनएसएआईडी (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) और एनाल्जेसिक जैसी दवाओं का अधिक सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं, खासकर यदि आपको पहले से ही किडनी की बीमारी है तो इससे और भी दिक्कतों के बढ़ने का खतरा रहता है। यही कारण है कि खुद से ही किसी भी दवा के सेवन से बचें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें।