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सीमा पर तनाव के लिए जयशंकर ने चीन को ठहराया जिम्मेदार, बोले- बीजिंग, समझौतों का उल्लंघन कर रहा

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है और सीमा पर तनाव के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। जयशंकर ने कहा कि चीन लिखित समझौते का उल्लंघन कर रहा है, जिसकी वजह से ही दोनों देशों के सैनिकों में 2020 में हिंसक झड़प हुई।

विदेश मंत्री एस जयशंकर जापान की राजधानी टोक्यो में रायसीना राउंड टेबल बैठक में शामिल हुए। इस दौरान वैश्विक ऑर्डर में आ रहे बदलाव पर उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में शक्ति परिवर्तन हो रहा है और जब क्षमताओं, प्रभाव और महत्वकांक्षाओं में बड़ा बदलाव होता है तो इसका रणनीतिक स्तर पर गंभीर असर होता है।

बीते एक दशक में आए बड़े बदलाव
जयशंकर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि ‘अब आप इसे पसंद करें या नहीं, लेकिन यही सच्चाई है और आपको इससे डील करना पड़ेगा। चीजें बदल रही हैं और सभी को कोशिश करनी चाहिए कि चीजों को जितना हो सकते स्थायी रखा जाए। हालांकि बीते एक दशक में ऐसा नहीं हुआ है।

उदाहरण के लिए चीन के साथ हमारी 1975 से 2020 तक, करीब 45 वर्षों तक कोई हिंसक झड़प नहीं हुई, लेकिन 2020 में ये बदल गया।’ विदेश मंत्री ने कहा कि ‘हम कई चीजों पर असहमत हो सकते हैं, लेकिन देशों को अपने पड़ोसी देशों के साथ लिखित समझौतों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और आपने किया, जिससे दोनों देशों के रिश्तों और स्थायित्व और सच पूछिए तो आपकी नीयत पर सवालिया निशान लगता है।’

गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई थी हिंसक झड़प
उल्लेखनीय है कि 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। गलवान घाटी में हुई इस हिंसा से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया और संघर्ष की आशंका पैदा हो गई थी। भारत सरकार की तरफ से पहले भी कहा गया है कि जब तक सीमा पर शांति नहीं होगी, तब तक दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है और सीमा पर तनाव के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। जयशंकर ने कहा कि चीन लिखित समझौते का उल्लंघन कर रहा है, जिसकी वजह से ही दोनों देशों के सैनिकों में 2020 में हिंसक झड़प हुई।

विदेश मंत्री एस जयशंकर जापान की राजधानी टोक्यो में रायसीना राउंड टेबल बैठक में शामिल हुए। इस दौरान वैश्विक ऑर्डर में आ रहे बदलाव पर उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में शक्ति परिवर्तन हो रहा है और जब क्षमताओं, प्रभाव और महत्वकांक्षाओं में बड़ा बदलाव होता है तो इसका रणनीतिक स्तर पर गंभीर असर होता है।

बीते एक दशक में आए बड़े बदलाव
जयशंकर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि ‘अब आप इसे पसंद करें या नहीं, लेकिन यही सच्चाई है और आपको इससे डील करना पड़ेगा। चीजें बदल रही हैं और सभी को कोशिश करनी चाहिए कि चीजों को जितना हो सकते स्थायी रखा जाए। हालांकि बीते एक दशक में ऐसा नहीं हुआ है।

उदाहरण के लिए चीन के साथ हमारी 1975 से 2020 तक, करीब 45 वर्षों तक कोई हिंसक झड़प नहीं हुई, लेकिन 2020 में ये बदल गया।’ विदेश मंत्री ने कहा कि ‘हम कई चीजों पर असहमत हो सकते हैं, लेकिन देशों को अपने पड़ोसी देशों के साथ लिखित समझौतों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए और आपने किया, जिससे दोनों देशों के रिश्तों और स्थायित्व और सच पूछिए तो आपकी नीयत पर सवालिया निशान लगता है।’

गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई थी हिंसक झड़प
उल्लेखनीय है कि 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। गलवान घाटी में हुई इस हिंसा से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया और संघर्ष की आशंका पैदा हो गई थी। भारत सरकार की तरफ से पहले भी कहा गया है कि जब तक सीमा पर शांति नहीं होगी, तब तक दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।