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कैंसर रोगियों के लिए ‘वरदान’ साबित हो सकती है 100 रुपये की ये दावा, रोग के बढ़ने का जोखिम होगा कम

कैंसर वैश्विक स्तर पर गंभीर और जानलेवा बीमारियों में से एक है। हर साल कई प्रकार के कैंसर के कारण दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। मेडिकल साइंस में आधुनिकता और तकनीकी विकास से कैंसर के उपचार में मदद तो मिली है पर अब भी आम लोगों के लिए कैंसर का उपचार करा पाना इतना आसान नहीं है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कैंसर से मौत के लिए मुख्य कारण इसका समय पर निदान न हो पाना है, ज्यादातर लोगों में इसका पता ही तब चल पाता है जब कैंसर काफी बढ़ चुका होता है।

कैंसर के सस्ते और सरल उपचार को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने कैंसर के इलाज में एक अभूतपूर्व खोज की है। टीम का दावा है कि उन्होंने एक ऐसी गोली विकसित कर ली है जो कैंसर को दोबारा होने से रोकने और कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों को 50 फीसदी तक कम करने में मददगार हो सकती है। खास बात ये है कि ये दवा काफी किफायती भी है, एफएसएसएआई से मंजूरी मिलते ही यह टैबलेट 100 रुपये में उपलब्ध हो सकेगी।

कैंसर को फैलने से रोक सकती है ये दवा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘आर+सीयू’ नाम की इस टैबलेट में प्रो-ऑक्सीडेंट के साथ रेस्वेराट्रॉल और कॉपर होता है जो पेट में ऑक्सीजन रेडिकल्स उत्पन्न करता है। ये रेडिकल्स कैंसर कोशिकाओं द्वारा रिलीज किए जाने वाले क्रोमेटिन कणों को नष्ट कर सकती हैं। इससे अन्य स्वस्थ कोशिकाओं के कैंसरग्रस्त होने का जोखिम कम हो जाता है। यह प्रक्रिया कैंसर कोशिकाओं को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने से भी रोकती है, जिसे ‘मेटास्टेस’ कहा जाता है।

कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार इस दवा से रोग के जोखिमों को भी कम किया जा सकता है।

चूहों पर किए अध्ययन में दिखे अच्छे परिणाम

रिपोर्ट में कहा गया है कि चूहों पर किए गए इस दवा के परीक्षण में बेहतर परिणाम देखे गए हैं। चूहों और इंसानों में कुछ जीन्स एक समान होते हैं, ऐसे में उम्मीद है कि इसके परिणाम इंसानों में भी अच्छे हो सकते हैं। फिलहाल दवा का मानव परीक्षण किया जा रहा है।