जौनपुर जिले के केराकत तहसील के टिसौरा गांव निवासी आईएएस अभिषेक सिंह का इस्तीफा आखिरकार गुरुवार को मंजूर हो गया। अभिषेक ने अक्तूबर 2023 में इस्तीफा दिया था। जिसे केंद्र सरकार की संस्तुति के बाद प्रदेश सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। चर्चा के मुताबिक अब अभिषेक चुनावी मैदान में जोर आजमाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि अभिषेक भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जौनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
पूर्व आईएएस अभिषेक बीते दो महीनों से जिले में लगातार सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। समाजसेवा में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद से ही उन्होंने जौनपुर के लोगों के लिए निषाद रथ यात्रा शुरू की है जो बीते सात फरवरी से निरंतर संचालित हो रही है। इसके अलावा उन्होंने जिले के लोगों के लिए फ्लाइट टिकट बुकिंग पर छूट, उनके द्वारा शुरू की गई वीडियो व रील प्रतियोगिता में विजेताओं को बाइक दे रहे हैं। साथ ही आए दिन भंडारे, जनता दर्शन आदि भी कर रहे हैं।
इन सब को लेकर पहले से ही लोग उनके चुनाव में उतरने की कयास लगा रहे थे। फिलहाल अभिषेक दिल्ली में हैं और वे जल्द ही जौनुपर लौटेंगे। पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो उनके पिता कृपाशंकर सिंह पूर्व आईपीएस थे। उनकी पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल भी आईएएस हैं और वर्तमान में बांदा की जिलाधिकारी हैं।
2011 में हुई थी नौकरी की शुरुआत
आईएएस अभिषेक सिंह ने 2011 में नौकरी की शुरुआत की थी। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 94वीं रैंक हासिल की थी। साल 2013 में उन्हें झांसी में बतौर जॉइंट मजिस्ट्रेट तैनाती मिली। साल 2014 में उन्हें सस्पेंड किया गया और साल 2015 में प्रतिनियुक्त कर तीन साल के लिए दिल्ली भेजे गए। अभिषेक ने मेडिकल लीव ली और लंबे समय तक नौकरी पर नहीं लौटे। इसको देखते हुए मार्च 2020 में फिर से उनका तबादला कर उन्हें यूपी भेजा गया। इसके बाद भी उन्होंने काफी दिनों तक ज्वाइन नहीं किया।