भारत में तेंदुओं की आबादी में वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में तेंदुओं की अनुमानित आबादी चार साल में बढ़कर 2022 में 13,874 हो गई, जो कि 2018 में 12,852 थी। हालांकि, 2018-24 के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों और सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों में गुलाबी बिल्लियों की संख्या में कमी देखने को मिली है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को ‘भारत में तेंदुओं की स्थिति’ रिपोर्ट जारी की। जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक है। 2022 की गणना के अनुसार प्रदेश में 3,907 तेंदुए हैं। 2018 में यहां 3,421 से अधिक तेंदुए थे। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है। यहां गुलाबी बिल्लियों का कुनबा 2018 में 1,690 से बढ़कर 2022 में 1,985 हो गया है। वहीं कर्नाटक में तेंदुओं की संख्या बढ़कर 1,879 और तमिलनाडु में 1,070 हो गई है।
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी थोड़ी बढ़ी है। यहां वर्ष 2018 में 8,071 के मुकाबले 2022 में 8,820 तेंदुए पाए गए हैं। जबकि शिवालिक की पहाड़ियों और सिंधु-गंगा के मैदानों में गुलाबी बिल्लियों की संख्या में गिरावट देखी गई। इन क्षेत्रों में 2022 में 1,109 तेंदुए पाए गए, जबकि 2018 में यह संख्या 1,253 थी।
तेंदुओं की संख्या प्रति वर्ष 1.08 प्रतिशत की वृद्धि
बयान में कहा गया है कि पूरे भारत में 2018 और 2022 के दौरान तेंदुओं की संख्या प्रति वर्ष 1.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, शिवालिक की पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में इनकी संख्या में प्रति वर्ष 3.4 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि मध्य भारत और पूर्वी घाट क्षेत्र में सबसे अधिक 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।