वर्तमान में तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण ही लू, बढ़ता पारा, पिघलते ग्लेशियर, बाढ़, तूफान जैसी कठोर मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं। इस बीच, सीएसई की हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2003 में भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने कम से कम एक दिन का असामान्य मौसम घटनाएं देखी। बुधवार को जारी मौसमी घटनाओं से जुड़ी एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वर्ष 2023 में 365 दिनों में से 318 दिनों में असामान्य मौसम की घटनाएं दर्ज की गईं।
2.21 मिलियन हेक्टेयर फसल बर्बाद
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की ‘स्टेट ऑफ एनवायरनमेंट 2024’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मौसमी घटनाओं के चलते 3,287 लोगों ने जान गंवाई, 1.24 लाख जानवरों की मौत और 2.21 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र को खासा नुकसान पहुंचा। हिमाचल प्रदेश में असामान्य मौसमी घटनाएं की सबसे अधिक संख्या 149 दर्ज की गई, इसके बाद मध्य प्रदेश में 141 और केरल और उत्तर प्रदेश में 119 प्रत्येक दिन दर्ज किए गए।
बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने की हुई घटनाएं
जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, आठ राज्यों में 100 से अधिक दिनों तक असामान्य मौसमी घटनाएं दर्ज की गई। 2023 में 208 दिनों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन दर्ज किया गया। 2023 में 202 दिन बिजली और तूफान आए, 49 दिन लू चली, 29 दिन शीत लहर चली और नौ दिन बादल फटे। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने जून और सितंबर 2023 के बीच लगातार 123 दिनों तक चरम मौसम की घटनाओं को दर्ज किया गया था।