कानपुर के काकादेव में किशोरी की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में पुलिस ने बिना जांच के ही 79 साल के बीमार बुजुर्ग को भी नामजद कर दिया। मुकदमे में आरोपी बनाए गए बुजुर्ग समेत अन्य लोग मंगलवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला पर ही मकान कब्जाने और पुलिस पर बिना जांच के मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया है।
16 फरवरी को काकादेव के विजयनगर निवासी किशोरी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। चार दिन बाद किशोरी के माता-पिता ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर इलाके के कमल मिश्रा, 79 साल के रामकेवल गुप्ता, राकेश गुप्ता, हरीशचद्र, विनेश गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए थे। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर काकादेव पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या, छेड़छाड़, पॉक्सो समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।
मंगलवार को कमल मिश्रा को छोड़ सभी आरोपी पुलिस कमिश्नर के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने एफआईआर कराने वाली महिला पर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। उनका नाम हटाकर महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। डीसीपी सेंट्रल आरके गौतम ने कहा कि बिसरा रिपोर्ट आने के बाद जांच की जाएगी। मुख्य आरोपी कमल मिश्रा है जिसकी तलाश की जा रही है। बाकी आरोपियों की भी भूमिका देखी जाएगी।
नामजद आरोपियों ने तहरीर पर उठाए सवाल
पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे आरोपियों ने कहा कि खुद पीड़िता लिख रही है कि घटना वाले दिन कमल मिश्रा साथ थे। वह बेटी को मार रही थी तो कमल ने रोका और बेटी कमरे में चली गई। कमल कमरे में गया था। इसके बाद बेटी को कोई दवा दी और उसकी हालत बिगड़ गई। इस दौरान मोहल्ले के लोग भी पहुंचे थे। तब किशोरी बेहोशी की हालत में थी, लेकिन उसने किसी का नाम नहीं लिया।