ब्रिटेन में हुई भारतीय मूल की एक नाबालिग लड़की की हत्या के मामले में नई-नई शिकायतें सामने आ रही हैं। लड़की और उसके दोस्त के परिवार वालों ने पुलिस पर मामले से निपटने में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। दरअसल, पिछले साल नॉटिंघम में मेडिकल की छात्रा ग्रेस ओ-मैली कुमार अपने दोस्त बार्नाबी वेबर के साथ यूनिवर्सिटी वापस जा रही थी, तभी उन के साथ चाकूबाजी की घटना हुई थी, जिसमें दोनों की मौत हो गई थी। बताया गया है कि पुलिस ने घटना से जुड़े कई संदेश अपने परिवारों से साझा किए थे, जो कि ड्यूटी नियमों के खिलाफ थे।
हम लोग शांति से नहीं बैठेंगे
एक रिपोर्ट के अनुसार, कुमार और वेबर परिवारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि नॉटिंघमशायर पुलिस के इस व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए और बदलाव लाने चाहिए। हम लोग शांति से नहीं बैठेंगे, जब तक बदलाव नहीं होगा।
11 पुलिस पर आरोप
एक जांच में पाया गया था कि जांचकर्ता पुलिसकर्मियों ने लड़की की चोटों से जुड़ी डिटेल्स वॉट्सएप पर साझा की थीं। 11 पुलिसकर्मियों पर सामग्री देखने का आरोप लगा था। तीन को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा, लेकिन आठ पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
किसी और निर्दोष परिवार के साथ न हो
इस पर दोनों पीड़ितों के परिवारों ने कहा, ‘हम चुप नहीं रहेंगे। इस व्यवहार पर ध्यान दिया जाना चाहिए और तत्काल बदलाव किए जाने चाहिए क्योंकि अन्य निर्दोष परिवारों के साथ ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने लंबा बयान इसलिए भेजा क्योंकि हमारी गंभीर चिंताओं और नॉटिंघम पुलिस द्वारा चल रहे कुप्रबंधन को प्रकाश में लाया जाए।’
मीडिया को रिपोर्ट करने से रोका
परिवारों ने पिछले हफ्ते आयोजित हुई ऑफ-द-रिकॉर्ड प्रेस ब्रीफिंग के लिए भी पुलिस की आलोचना की। इस प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों से कहा गया था कि वे चर्चा की गई जानकारी की रिपोर्ट नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात का कोई उचित तर्क नहीं मिला कि पुलिस ने मीडिया से उनके आचरण या जांच पर रिपोर्टिंग करने से रोकने का प्रयास क्यों किया।’