बंबई उच्च न्यायालय ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संचालित एक प्रयोगशाली (लेबोरटरी) के आसपास के इलाके में अवैध ढांचो को ध्वस्त करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि वह निजी बिल्डर्स के लिए केंद्र के हितों से समझौता नहीं करेगा।
उच्च न्यायालय अधिकारियों की ओर से दाखिल उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी के 500 गज के दायरे में बने ढांचों को गिराने की मांग की गई थी। याचिकाओं पर न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जानकारी छिपाकर अदालत से आदेश हासिल करता है, वह किसी भी राहत का हकदार नहीं है। ऐसी याचिका खारिज की जा सकती है।
पीठ ने कहा, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि निजी बिल्डर्स के हितों के लिए हम किसी भी परिस्थिति में केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय के हितों से समझौता नहीं करेंगे। पीठ ने आठ फरवरी को नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी। बाद में अधिकारियों ने अदालत को बताया था कि याचिकाकर्ता ने गलत जानकारी देकर स्टे आदेश हासिल किया है।
पीठ ने अवैध ढांचों को ध्वस्त करने के नोटिस पर रोक लगाने के अपने पहले के आदेश को रद्द किया और याचिकाओं को खारिज किया। अदालत ने प्रत्येक याचिकाकर्ता पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अधिकारियों के मुताबिक, नवंबर 2023 में ढांचो को ध्वस्त कर दिया गया था। लेकिन फिर से खड़ा कर दिया गया था। जिसके बाद नए नोटिस जारी किए गए थे। अदालत ने कहा कि रक्षा अधिकारी 2021 से इन अवैध निर्माण के बारे में बारे में शिकायत कर रहे थे। पीठ ने कहा कि अवैध ढांचों को तत्काल गिराया जाए।