मस्तिष्क भले ही आकार में छोटा सा दिखने वाला अंग है पर इसे पूरे शरीर का मास्टरमाइंड माना जाता है। विचार, गति और भावनाओं को नियंत्रित करने के साथ शरीर के किस अंग को कौन सा काम करना है, किस तरह से करना है, ये सबकुछ मस्तिष्क से ही निर्धारित होता है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि हमारे मस्तिष्क का कुल भार एक किलोग्राम से कुछ अधिक होता है, लेकिन ये किसी पावरहाउस से कम नहीं है।
मस्तिष्क में अरबों तंत्रिका कोशिकाएं इन सब आवश्यक कार्यों को संभव बनाती हैं। न्यूरॉन्स कहलाने वाली ये मस्तिष्क कोशिकाएं आपके शरीर के बाकी हिस्सों को जानकारी भेजती हैं। अगर मस्तिष्क में किसी प्रकार की समस्या हो जाए तो शरीर के अंगों को मिलने वाले संदेश में भी दिक्कत हो सकती है। यही कारण है स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं।
मस्तिष्क की बढ़ती समस्याएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आपका दिमाग आपकी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। यह शरीर के हर काम को नियंत्रित करता है। दुर्भाग्य से, हमारी दिनचर्या की कुछ गड़बड़ आदतों के कारण शरीर के इस सबसे महत्वपूर्ण अंग के लिए दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपने मस्तिष्क को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। क्या आप अपने मस्तिष्क की सेहत को ख्याल रखते हैं?
आइए ऐसी ही कुछ सबसे आम गड़बड़ आदतों के बारे में जानते हैं जो आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इनसे बचाव करते रहना आपके लिए बहुत जरूरी है।
धूम्रपान से मस्तिष्क को क्षति
संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जिन आदतों को सबसे नुकसानदायक माना जाता है, धूम्रपान उनमें से एक है। इससे न सिर्फ फेफड़ों की बीमारी होती है, साथ ही मस्तिष्क की सेहत पर भी नकारात्मक असर हो सकता है।
धूम्रपान की आदत रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और क्रोनिक इंफ्लामेशन का कारण भी बन सकती है। ये स्थितियां ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाने के साथ और संज्ञानात्मक गिरावट का कारण बन सकती हैं। शोध बताते हैं, जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें डिमेंशिया रोग विकसित होने की आशंका दोगुनी होती है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़कर मस्तिष्क को स्वस्थ रख सकते हैं।
सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के नुकसान
एक और आदत जो आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है वह है व्यायाम न करना या शारीरिक सक्रियता की कमी। यदि आपकी जीवनशैली गतिहीन है, तो इसमें बदलाव करना जरूरी है। बहुत अधिक अस्थिरता, दिनभर ज्यादातर समय बैठे रहने से मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह सहित कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ये सभी स्थितियां आपके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण भी डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि नियमित व्यायाम जरूर करें।