रूस में फंसे भारतीयों के मामले में विदेश मंत्रालय ने मदद का भरोसा दिलाया है। सरकार ने कहा है कि रूसी सेना के साथ सपोर्ट स्टाफ के रूप में काम कर रहे लोगों को सुरक्षित भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार रूसी सेना में सहायक कर्मचारियों के रूप में कार्यरत भारतीयों को जल्द मुक्त कराने के लिए मॉस्को से लगातार संपर्क में बनी हुई है। भारत ने अपने नागरिकों से कहा है कि रूस के साथ जारी युद्ध के कारण हिंसाग्रस्त इलाकों में जाने से बचें।
विदेश मंत्रालय का बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई कि कुछ भारतीय युद्धग्रस्त इलाकों में रूसी सेना के सहायक के रूप में काम कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा, सरकार इस बात से अवगत है कि कुछ भारतीय रूसी सेना में सहायक पदों पर नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास नियमित रूप से इस मामले पर संबंधित रूसी अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयों की शीघ्र वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार मामले पर रूसी सरकार से करें चर्चा- ओवैसी
हैदराबाद निवासी सुफियान के परिवार ने केंद्र सरकार के साथ-साथ विदेश मंत्रालय से रूस में फंसे युवकों को सुरक्षित निकालने और एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर केंद्र से रूसी सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट साझा करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार को रूसी सरकार से चर्चा करनी चाहिए। रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे 12 युवाओं को वापस लाना चाहिए।