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मुख्य न्यायाधीश ईसा को धमकी देने वाला गिरफ्तार, सोशल मीडिया के जरिए लोगों को भड़काने का भी आरोप

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा को सोशल मीडिया के जरिए कथित धमकी देने के आरोप में एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रावलपिंडी के निवासी अब्दुल वासे पर आरोप है कि वह सोशल मीडिया के जरिए देश के मुख्य न्यायाधीश ईसा के खिलाफ धमकी भरा अभियान चला रहा था। पाकिस्तान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए न्यायिक प्रमुख की छवि खराब करने के प्रयास में आरोपी को गिरफ्तार किया है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को धमकी देने वाला गिरफ्तार
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि आरोपी अब्दुल वासे लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए देश के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा था, साथ ही उस पर धमकी देने का आरोप भी है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है और अन्य लोगों की पहचान के लिए जांच जारी है। गौरतलब है कि न्यायिक प्रमुख की छवि खराब करने , धमकी देने के आरोप में अब्दुल वासे पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दुष्प्रचार के रोकने के लिए संयुक्त जांच दल का गठन
इस बीच, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक अभियानों में शामिल लोगों की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल का गठन किया है। संघीय जांच एजेंसी की साइबर क्राइम विंग के अतिरिक्त महानिदेशक के नेतृत्व में जेआईटी 22 फरवरी को अपना काम शुरू करेगी।

फोरम में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का एक अधिकारी, खूफिया जांच एजेंसी का एक अधिकारी, इस्लामाबाद पुलिस के एक उप महानिरीक्षक, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण का एक प्रतिनिधि और एक आईटी विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। जेआईटी 15 दिनों के भीतर आंतरिक मंत्रालय को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपेगी।

आम चुनाव में धांधली के मुख्य न्यायाधीश पर लगाए गए आरोप
गौरतलब है कि पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव हुए थे। जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। तमाम संगठनों का आरोप है कि चुनावों में धांधली की गई। वहीं, 17 फरवरी को रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली ने आरोप लगाया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और मुख्य न्यायाधीश आठ फरवरी को चुनावों में हुए धांधली में शामिल थे। इन आरोपों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जांच की मांग उठने लगी थी।