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ब्याह के बाद सुपरस्टार बनी पहली हीरोइन, इसलिए मारा संजीव कुमार को थप्पड़, और ‘बंदिनी’ के समय…

वसंत ऋतु वैसे तो सिनेमा के लिए सदाबहार रही है, लेकिन इसी ऋतु में हिंदी सिनेमा के शौकीनो को बेहद सौम्य, सुशील और सुंदर अभिनेत्री नूतन भी खूब याद आती हैं। जो काम आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण और करीना कपूर अब कर रही हैं, विवाहिता होने के बाद भी हिट हिंदी फिल्में देने का काम वह अब से कोई 60 साल से भी पहले कर चुकी थीं। उनकी पुण्यतिथि पर आइए जानते नूतन से जुड़ी 10 रोचक कहानियां..

‘सीमा’ ने तोड़ीं लोकप्रियता की सरहदें
शोभना समर्थ की बिटिया नूतन की जब शुरूआती फिल्में न चलीं तो मां ने बेटी को आगे की शिक्षा के लिए स्विटरलैंड भेज दिया। माथे से चिंता हटी और खान-पान, रहन-सहन बदला तो नूतन ने भी एक नूतन रूप धरा। सेहतमंद बिटिया की फोटो वापस मां के पास डाक से पहुंची तो शोभना समर्थ तो मानों बिटिया को कली से फूल सा खिलता देख बाग बाग ही हो गईं। इस नए रूप में दर्शकों ने अभिनेत्री नूतन को फिल्म ‘सीमा’ में देखा और इसी फिल्म के लिए नूतन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता।

पहली ब्याहता सुपरस्टार
भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से जिस साल 1959 में नूतन का ब्याह हुआ, उसी साल उन्होंने दो सुपरहिट फिल्में दीं, राज कपूर की ‘अनाड़ी’ और बिमल रॉय की ‘सुजाता’। बिमल रॉय की ही एक और फिल्म ‘बंदिनी’ ने नूतन के अभिनय को वे ऊंचाइयां दीं कि आज के निर्देशक संजय लीला भंसाली अपनी नायिकाओं को अब भी नूतन की तीनों फिल्में ‘सीमा’, ‘सुजाता’ और ‘बंदिनी’ देखने की सलाह देते हैं।

शिकार पर खूब दिया पति का साथ
नूतन और उनके पति रजनीश बहल की खूब पटी। वैसे तो समंदर की लहरों पर ड्यूटी होने के चलते रजनीश अधिकतर बाहर ही रहते लेकिन जब भी दोनों को साथ मौका मिलता, दोनों खूब अच्छा समय बिताते और वक्त मिलता तो दोनों साथ शिकार करने भी जाते। नूतन के बेटे अभिनेता मोहनीश बहल के पास अपनी मां का यादों का तस्वीरों की शक्ल में अनमोल पिटारा है।

अनारकली की भूमिका ठुकरा दी
अभिनेत्री नूतन ने पहली बार बाल कलाकार के तौर पर साल 1945 में अपने पिता की फिल्म ‘नल दमयंती’ से अपने करियर की शुरुआत की। जब वह 14 वर्ष की हुई तब निर्माता-निर्देशक के आसिफ ने फिल्म मुगल-ए-आजम की अनारकली की भूमिका के लिए नूतन से संपर्क किया था, लेकिन नूतन ने उस फिल्म में इसलिए काम करने से इंकार कर दिया, क्योंकि वह खुद को खूबसूरत नहीं मानती थी।

खुद की एडल्ट फिल्म नहीं देख पाईं
जिस समय नूतन मिस इंडिया बनी थी उसी समय फिल्म ‘नगीना’ रिलीज होने वाली थी। इस फिल्म को देखने जब नूतन सिनेमाघर में गई तो वाचमैन ने अंदर नहीं जाने दिया। दरअसल, यह वयस्कों के लिए थी, जिसे सेंसर बोर्ड ने ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया था। उस समय नूतन की उम्र महज 15 साल की थी। नूतन ने उस वॉचमैन को बहुत समझाने की कोशिश की कि वह खुद उस फिल्म की अभिनेत्री है, मगर वॉचमैन नहीं माना और नूतन को अपनी फिल्म देखे बगैर घर वापस जाना पड़ा।