दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू से मिलने के लिए बेटे नारायण साईं ने गुजरात हाईकोर्ट में दायर अस्थायी जमानत याचिका को वापस ले लिया है। गौरतलब है कि उन्होंने बीमार पिता से मिलने के लिए यह याचिका दायर की थी। इस दौरान साईं ने कहा कि मेरे पिता जीवन के आखिरी पड़ाव पर हैं।
हमने जमानत याचिका वापस लेने का फैसला लिया- वकील
साईं के वकील आईएच सैयद ने याचिका वापल लेने का फैसला किया। इस दौरान दो जजों की पीठ को बताया गया कि साईं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, उसे राजस्थान की जोधपुर जेल में वापस लाया जा रहा है। जिसके बाद अस्थायी जमानत याचिका को वापस लेने का फैसला लिया गया। सैयद ने अदालत को बताया कि साईं ने आसाराम से मिलने के लिए 20 दिन की अस्थायी जमानत मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि वह जीवन के अंतिम चरण में है और जीवित नहीं रह पाएगा।
साईं पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च उठाएंगे- वकील
वकील ने कहा कि साईं जोधपुर आने-जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च उठाएगा, अगर उसे अपने पिता से मिलने की अनुमति दी जाती है। उनके वकील ने एक मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की जिसमें दिखाया गया कि उन्हें सोमवार को जोधपुर जेल में कार्डियक अरेस्ट हुआ था। पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पारित एक हालिया आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि आसाराम दिल्ली एम्स में इलाज कराने के इच्छुक नहीं थे और केवल आयुर्वेदिक उपचार चाहते थे।
हम ऑनलाइन मीटिंग की व्यवस्था कर सकते हैं- कोर्ट
अदालत ने कहा कि वह जमानत याचिका पर फैसला करने से पहले एम्स के डॉक्टरों के एक पैनल की राय मांगेगी। हाईकोर्ट ने कहा कि गर आप इलाज के लिए मनाना चाहते हैं तो हम ऑनलाइन एक बैठक की व्यवस्था करेंगे। हमें पहले यह पता लगाना होगा कि क्या वह आईसीयू में है, बात करने और बातचीत करने में सक्षम है या नहीं। उसके बाद ही हम जूम को मिलने की अनुमति देंगे। तब अदालत को सूचित किया गया कि आसाराम अब अस्पताल में नहीं हैं और उनकी बीमारी का इलाज जेल में ही किया जा रहा है।