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आंध्र-प्रदेश में बढ़े इस संक्रामक रोग के मामले, कैसे जानें कहीं आप भी तो नहीं हो गए हैं शिकार?

बर्ड फ्लू तेजी से बढ़ने वाली संक्रामक बीमारी है, हालिया रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में बर्ड फ्लू के केस बढ़ रहे हैं। यहां पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में मुर्गियों की मौत हुई है। हजारों मुर्गियों की मौत के बाद स्थानीय अधिकारी सतर्क हो गए और नैदानिक परीक्षणों में क्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।

बर्ड फ्लू का खतरा चूंकि इंसानों में भी हो सकता है, इसे ध्यान रखते हुए जिले में आवश्यक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। जिले के अधिकारियों ने आदेश दिया है कि जिन इलाके में मुर्गियां मरी हैं, उसके दस किलोमीटर के दायरे में आने वाली चिकन की दुकानों को तीन दिनों के लिए और एक किलोमीटर के दायरे में आने वाली दुकानों को तीन महीने के लिए बंद कर दिया जाए।

बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) के नाम से भी जाना जाता है। ये एक वायरल संक्रमण है जो न केवल पक्षियों, बल्कि मनुष्यों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। ये पक्षियों, विशेषकर मुर्गियों के लिए घातक माना जाता है और इंसानों में भी इसका जोखिम हो सकता है। आंध्र प्रदेश में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सुरक्षित रहने और बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।

क्यों होता है ये संक्रमण?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रभावित क्षेत्र में H5N1 का संक्रमण तेजी से बढ़ने का खतरा हो सकता है। घरेलू मुर्गीपालन वाले स्थानों पर ये आसानी से फैल सकता है। यह रोग संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव या मुंह या आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा अधपके मांस खाने से भी बीमारी का खतरा हो सकता है, पर इसके मामले कम देखे जाते रहे हैं।

अगर आप संक्रमण प्रभावित इलाकों में रहते हैं तो बचाव के उपायों को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी है।

बर्ड फ्लू की पहचान कैसे की जा सकती है?

बर्ड फ्लू की समस्या मुख्यतौर पर सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों की तरह ही होती है। संक्रमण के शिकार लोगों को खांसी, दस्त, श्वसन संबंधी कठिनाइयों के साथ बुखार होने, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहने और गला खराब होने की दिक्कत हो सकती है। यदि आप बर्ड फ्लू के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो आइसोलेट हो जाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें। कुछ प्रकार के टेस्ट की मदद से इस संक्रमण का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

इसका मृत्युदर हो सकता है अधिक

डॉक्टर कहते हैं, संक्रमण के खतरों के प्रति जागरूक रहना और सभी आवश्यक सावधानियां बरतना इन बीमारियों से बचने का एक प्रभावी तरीका है। जो लोग नियमित रूप से मुर्गी या पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, मुर्गी पालन करते हैं उनमें संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। H5N1 बर्ड फ्लू गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है और इसकी मृत्यु दर भी अधिक है। संक्रमितों में इसकी मृत्युदर 50 फीसदी से अधिक हो सकती है।

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए क्या करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर उन लोगों को अधिक गंभीरता बरतते रहने की आवश्यकता है जो प्रभावित इलाकों में रहते हैं। इसके अलावा भोजन बनाते समय उसे अच्छे से पकाएं। मुर्गी पालन करने वाले लोगों को नियमित रूप से हाथों को साबुन और पानी से धोते रहना जरूरी है। मास्क पहनना, लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना और समय रहते डॉक्टरी सलाह लेकर आप गंभीर समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।