नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) इस हफ्ते इस्राइल के फलस्तीन की जमीन पर 57 साल के कब्जे की वैधता को लेकर सुनवाई शुरू करेगी। गौरतलब है कि इस्राइल के खिलाफ पहले से ही आईसीजे में गाजा पर हमले को लेकर केस चल रहा है।
आईसीजे में इस्राइल के खिलाफ इस नए केस में उसके फलस्तीन के वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरुशलम में 1967 से जारी कब्जे की वैधता को लेकर सुनवाई होनी है। फलस्तीन का कहना है कि स्वतंत्र क्षेत्र बनाए गए इन इलाकों पर उसका अधिकार है और इस्राइल का इस पर कब्जा अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है।
फलस्तीन के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस्राइल ने कब्जे वाली जमीन पर लोगों को बसाने की शुरुआत कर के नियमों को तोड़ा है। साथ ही फलस्तीनियों के साथ नस्लभेद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आईसीजे में इस मामले की सुनवाई में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है।
बताया गया है कि इस मामले में फलस्तीन की तरफ से इस्राइल के खिलाफ सबूत पेश किए जाएंगे। इसके बाद 51 देश और तीन अलग-अलग संस्थान- लीग ऑफ अरब स्टेट्स, ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन और अफ्रीकी यूनियन भी जजों को संबोधित करेंगे। हालांकि, मामले में इस्राइल की तरफ से बहस करने के लिए कोई भी पेश नहीं होगा। इस्राइल ने पहले ही इस मामले में लिखित वाद कोर्ट में जमा कर दिया है।